प्रधानमंत्री मरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के प्रभारी ओम माथुर ने यूपी में सीटों के बंटवारे को लेकर अपने दो सहयोगी दलों से बातचीत की है. अपना दल के साथ बातचीत अभी चल रही है जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा चुका है. यूपी में बीजेपी 403 में से अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अन्य राज्यों में बीजेपी की सहयोगी पार्टियां यूपी में बीजेपी के साथ तालमेल चाहती थीं मगर पार्टी ने राज्य के दो दलों के साथ ही तालमेल करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय समता पार्टी राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी है.
बीजेपी नेताओं की बातचीत अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल से हुई है. अपना दल ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी से 16 सीट की मांग की है. अभी तक बीजेपी 10 सीटों के लिए ही तैयार हुई है.
अपना दल ने मिर्ज़ापुर की चुनार, मदिहान और वाराणसी की पिंडरा, रोहनिया, सेवापुरी सीट पर दावा किया है. अभी वाराणसी और मिर्ज़ापुर पर चर्चा नहीं हुई है.
वाराणसी की सभी सीटों पर पीएम नरेंद्र मोदी से चर्चा के बाद फैसला किया जाएगा क्योंकि वो यहां से सांसद हैं. वहां की दो विधानसभा सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं. जबकि रोहनिया से अनुप्रिया पटेल विधायक रह चुकी हैं. संभावना है बीजेपी ये सीट भी अपना दल को दे दे.
राजभर से हुआ समझौता
बीजेपी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन करेगी. इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर हैं. समझौते के तहत राजभर की पार्टी 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ख़ुद राजभर मऊ सीट से लड़ेंगे जहां उनका मुक़ाबला बाहुबली मुख्तार अंसारी से होने के आसार हैं.
समझौते के तहत बीजेपी ने भासपा को पांच सीटें दे दी हैं. ये हैं मऊ, ज़खनियां, ज़हूराबाद, अजगरा और मेहनगर. मऊ को छोड़कर बाकी चारों सीटें सुरक्षित सीट हैं.
बीजेपी से ज्यादा सीटें लेने के लिए अपना दल राजभर से हुए बीजेपी के समझौते की दलील दे रहा है. अपना दल का कहना है कि राजभर को 8 सीटें दी गईं जबकि अभी उसका न तो कोई सांसद है और न ही कोई विधायक. जबकि अपना दल के दो सांसद और एक विधायक हैं लिहाजा 16 सीटों पर उसका दावा बनता है. लेकिन बीजेपी 12 से अधिक सीटें नहीं देना चाहती क्योंकि अपना दल में दो फाड़ हो चुका है.
ओमप्रकाश राजभर अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल के साथ ही कंधे से कंधा मिलाकर काम करते रहे हैं. उनके निधन के बाद उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनाई. उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न छड़ी है.
उधर, बीजेपी की कोशिश गैर यादव पिछड़े वर्ग और गैर जाटव दलितों को अपने साथ लाने की है. इसलिए उसने ख़ासतौर से पटेल, कुर्मी, कोइरी, राजभर समाज के नेताओं पर ध्यान केंद्रित किया है. राजा सुहेलदेव की प्रतिमा की स्थापना के कार्यक्रम में खुद अमित शाह शामिल हुए थे. मोदी सरकार ने सुहेलदेव के नाम पर एक ट्रेन भी चलाई है.
वहीं यूपी में बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल सीटों के बंटवारे से नाराज है. अपना दल की दावेदारी वाली सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. रोहनिया, चुनार और मानिकपुर सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जिसको लेकर अपना दल में नाराजगी है. अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल बीजेपी नेतृत्व से मिलकर नाराजगी जताएंगी. बीजेपी अपना दल को 12 सीटें देना चाहमी हैं जबकि उसने 16 सीटों की मांग की है.
बीजेपी नेताओं की बातचीत अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल से हुई है. अपना दल ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी से 16 सीट की मांग की है. अभी तक बीजेपी 10 सीटों के लिए ही तैयार हुई है.
अपना दल ने मिर्ज़ापुर की चुनार, मदिहान और वाराणसी की पिंडरा, रोहनिया, सेवापुरी सीट पर दावा किया है. अभी वाराणसी और मिर्ज़ापुर पर चर्चा नहीं हुई है.
वाराणसी की सभी सीटों पर पीएम नरेंद्र मोदी से चर्चा के बाद फैसला किया जाएगा क्योंकि वो यहां से सांसद हैं. वहां की दो विधानसभा सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं. जबकि रोहनिया से अनुप्रिया पटेल विधायक रह चुकी हैं. संभावना है बीजेपी ये सीट भी अपना दल को दे दे.
राजभर से हुआ समझौता
बीजेपी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन करेगी. इसके अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर हैं. समझौते के तहत राजभर की पार्टी 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. ख़ुद राजभर मऊ सीट से लड़ेंगे जहां उनका मुक़ाबला बाहुबली मुख्तार अंसारी से होने के आसार हैं.
समझौते के तहत बीजेपी ने भासपा को पांच सीटें दे दी हैं. ये हैं मऊ, ज़खनियां, ज़हूराबाद, अजगरा और मेहनगर. मऊ को छोड़कर बाकी चारों सीटें सुरक्षित सीट हैं.
बीजेपी से ज्यादा सीटें लेने के लिए अपना दल राजभर से हुए बीजेपी के समझौते की दलील दे रहा है. अपना दल का कहना है कि राजभर को 8 सीटें दी गईं जबकि अभी उसका न तो कोई सांसद है और न ही कोई विधायक. जबकि अपना दल के दो सांसद और एक विधायक हैं लिहाजा 16 सीटों पर उसका दावा बनता है. लेकिन बीजेपी 12 से अधिक सीटें नहीं देना चाहती क्योंकि अपना दल में दो फाड़ हो चुका है.
ओमप्रकाश राजभर अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल के साथ ही कंधे से कंधा मिलाकर काम करते रहे हैं. उनके निधन के बाद उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनाई. उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न छड़ी है.
उधर, बीजेपी की कोशिश गैर यादव पिछड़े वर्ग और गैर जाटव दलितों को अपने साथ लाने की है. इसलिए उसने ख़ासतौर से पटेल, कुर्मी, कोइरी, राजभर समाज के नेताओं पर ध्यान केंद्रित किया है. राजा सुहेलदेव की प्रतिमा की स्थापना के कार्यक्रम में खुद अमित शाह शामिल हुए थे. मोदी सरकार ने सुहेलदेव के नाम पर एक ट्रेन भी चलाई है.
वहीं यूपी में बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल सीटों के बंटवारे से नाराज है. अपना दल की दावेदारी वाली सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं. रोहनिया, चुनार और मानिकपुर सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं जिसको लेकर अपना दल में नाराजगी है. अपना दल नेता अनुप्रिया पटेल बीजेपी नेतृत्व से मिलकर नाराजगी जताएंगी. बीजेपी अपना दल को 12 सीटें देना चाहमी हैं जबकि उसने 16 सीटों की मांग की है.
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