
रेल मंत्री सुरेश प्रभु (फाइल फोटो)
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सुरेश प्रभु के इस्तीफे की पेशकश की लीपापोती बंद करें पीएम मोदी: कांग्रेस
'घोर लापरवाही से रेल सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है'
'रेलवे सुरक्षा के लिए 46 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम क्यों नहीं किया गया'
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सुरजेवाला ने कहा, मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में 28 बड़े रेल हादसे हुए हैं. इनमें 259 रेलयात्रियों की जानें गई और 973 लोग घायल हुए. यह भी सच है कि 2016-17 में ट्रेन हादसों की संख्या पिछले एक दशक में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा, अगर आप बुलेट ट्रेन के लिए एक लाख करोड़ रुपये दे सकते हैं तो रेलवे सुरक्षा के लिए 46 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध क्यों नहीं कर सकते.
रेल सुरक्षा पर सवालिया निशान
उन्होंने कहा, 'ट्रेन हादसे अब भारतीय रेलवे के पर्यायवाची बन गए हैं. आए दिन हो रहे रेल हादसे, पटरियों से उतरती ट्रेनें और रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर घोर लापरवाही से रेल सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है.' सुरजेवाला ने जानना चाहा कि उत्कल एक्सप्रेस हादसे में दोषी लोगों के खिलाफ मामला कब दर्ज करवाया जाएगा.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रेल प्रणाली में सुधार के लिए पिछले तीन सालों में रेल मंत्री या सरकार की तरफ से कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए. उन्होंने कहा, एक तरफ तो रेल सुरक्षा से गंभीर समझौता किया जा रहा है, वहीं यात्री किराये, माल भाड़े, प्लेटफार्म टिकट, आरक्षण शुल्क आए दिन बढ़ाये जा रहे हैं.
VIDEO: रेल यात्रियों की सुरक्षा से खिलावड़ क्यों: कांग्रेस
उन्होंने कहा, सच यह है कि पिछले तीन साल में रेल भाड़े में 70 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. रेलवे को आज 100 रुपये कमाने के लिए 109 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. रेलवे का मुनाफा लगातार घट रहा है और कर्ज बढ़ रहा है. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार बुलेट ट्रेन के लिए जापान से एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है, तो रेलवे सुरक्षा के लिए 46 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध क्यों नहीं कर सकती.
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