
नई दिल्ली:
सोमवार 23 जनवरी को प्रकाशित हिंदी के तमाम राष्ट्रीय अख़बारों ने यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन, जल्लीकट्टु के आयोजन समेत अन्य ख़बरों को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है. आइए, नज़र डालते हैं चुनिंदा अख़बारों की ख़ास ख़बरों पर-
'तमिलनाडु में 3 साल बाद हुआ जल्लीकट्टू, 3 की जान गई' नाम से शीर्षक देते हुए अमर उजाला ने लिखा है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया. इस खेल में हिस्सा लेने के दौरान 2 लोगों की मौत हो गई और एक की मौत इसके विरोध-प्रदर्शन के दौरान हो गई.

'अमर उजाला' ने एक अन्य ख़बर में ई-जालसाजी की घटना को जगह दी है. पत्र ने लिखा, 'पेटीएम एक्टीवेट कराने के नाम पर ठगी'. ख़बर में लिखा है कि कस्टमर केयर कर्मचारी बन कर डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर एक आदमी के खाते से 48 हज़ार रुपये निकाल लिेए. यह घटना दिल्ली की है.
'दैनिक भास्कर' ने यूपी चुनावों के हवाले से ख़बर दी है, 'नहीं चली मोदी की, बड़े नेताओं के बेटे-बेटी-बहू को मिला टिकट'
अख़बार ने प्रदेश में भाजपा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट का मूल्यांकन करते हुए लिखा है- भाजपा जारी दूसरी लिस्ट में मोदी की अपील को दरकिनारा करते हुए बड़े नेताओं के रिश्तेदारों और दल बदल कर आए लोगों को तवज्जों दी गई है. इन में कल्याण सिंह के पोते और बहू को टिकट मिला है, वहीं राजनाथ सिंह के बेटे को टिकट दिए जाने की ख़बर को प्रकाशित किया है.
'दैनिक भास्कर' ने खेल के पन्ने पर इंग्लैंड के हाथों भारत की हार पर लिखा है. कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया की भारतीय धरती पर पहली हार.

'जनसत्ता' ने अपने संपादकीय में अमेरिका में ट्रंप की ताजपोशी पर शीर्षक दिया है, 'अमेरिका की कमान'.
इसमें पत्र ने लिखा है कि अमेरिका में नए राष्ट्रपति को लेकर उत्सुकता के साथ-साथ अंदेशे भी बहुत हैं. इसका कारण ट्रंप का आक्रामक व्यक्तित्व और विवादास्पद राजनीतिक एजेंडा है.
नवोदय टाइम्स ने अपने संपादकीय में जल्लीकट्टू पर लिखा है, जल्लीकट्टू की वापसी और देश की संविधान प्रणाली पर इसका प्रभाव. पत्र लिखता है कि जल्लीकट्टू कभी भी एक धार्मिक उत्सव नहीं था तथा इसे ग्रामीण लड़कों द्वारा मोटे तौर पर एक खेल के रूप में ही अपनाया गया था. जिसके स्तर को बाद में गिराकर सांड़ों को क्रोध दिलाने या परेशान करने के लिए शराब पिलाना या उनकी आंखों में मिर्च झोंकना आदि शुरू कर दिया गया.
दैनिक ट्रिब्यून ने यूपी चुनावों में सपा-कांग्रेस गठबंधन की सुलह को प्रमुख ख़बर बनाते हुए लिखा है, साइकिल-हाथ आ ही गए साथ. अख़बार ने लिखा है कि लंबे समय से सीटों के बंटवारे की समस्या को सुलझाने में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की अहम भूमिका रही है.
'तमिलनाडु में 3 साल बाद हुआ जल्लीकट्टू, 3 की जान गई' नाम से शीर्षक देते हुए अमर उजाला ने लिखा है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया. इस खेल में हिस्सा लेने के दौरान 2 लोगों की मौत हो गई और एक की मौत इसके विरोध-प्रदर्शन के दौरान हो गई.

'अमर उजाला' ने एक अन्य ख़बर में ई-जालसाजी की घटना को जगह दी है. पत्र ने लिखा, 'पेटीएम एक्टीवेट कराने के नाम पर ठगी'. ख़बर में लिखा है कि कस्टमर केयर कर्मचारी बन कर डेबिट कार्ड की जानकारी लेकर एक आदमी के खाते से 48 हज़ार रुपये निकाल लिेए. यह घटना दिल्ली की है.

'दैनिक भास्कर' ने यूपी चुनावों के हवाले से ख़बर दी है, 'नहीं चली मोदी की, बड़े नेताओं के बेटे-बेटी-बहू को मिला टिकट'
अख़बार ने प्रदेश में भाजपा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट का मूल्यांकन करते हुए लिखा है- भाजपा जारी दूसरी लिस्ट में मोदी की अपील को दरकिनारा करते हुए बड़े नेताओं के रिश्तेदारों और दल बदल कर आए लोगों को तवज्जों दी गई है. इन में कल्याण सिंह के पोते और बहू को टिकट मिला है, वहीं राजनाथ सिंह के बेटे को टिकट दिए जाने की ख़बर को प्रकाशित किया है.
'दैनिक भास्कर' ने खेल के पन्ने पर इंग्लैंड के हाथों भारत की हार पर लिखा है. कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया की भारतीय धरती पर पहली हार.

'जनसत्ता' ने अपने संपादकीय में अमेरिका में ट्रंप की ताजपोशी पर शीर्षक दिया है, 'अमेरिका की कमान'.
इसमें पत्र ने लिखा है कि अमेरिका में नए राष्ट्रपति को लेकर उत्सुकता के साथ-साथ अंदेशे भी बहुत हैं. इसका कारण ट्रंप का आक्रामक व्यक्तित्व और विवादास्पद राजनीतिक एजेंडा है.

नवोदय टाइम्स ने अपने संपादकीय में जल्लीकट्टू पर लिखा है, जल्लीकट्टू की वापसी और देश की संविधान प्रणाली पर इसका प्रभाव. पत्र लिखता है कि जल्लीकट्टू कभी भी एक धार्मिक उत्सव नहीं था तथा इसे ग्रामीण लड़कों द्वारा मोटे तौर पर एक खेल के रूप में ही अपनाया गया था. जिसके स्तर को बाद में गिराकर सांड़ों को क्रोध दिलाने या परेशान करने के लिए शराब पिलाना या उनकी आंखों में मिर्च झोंकना आदि शुरू कर दिया गया.

दैनिक ट्रिब्यून ने यूपी चुनावों में सपा-कांग्रेस गठबंधन की सुलह को प्रमुख ख़बर बनाते हुए लिखा है, साइकिल-हाथ आ ही गए साथ. अख़बार ने लिखा है कि लंबे समय से सीटों के बंटवारे की समस्या को सुलझाने में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की अहम भूमिका रही है.
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