प्रधानमंत्री नरसिम्‍हाराव के दौर में चर्चित हुए तांत्रिक चंद्रास्‍वामी का निधन

वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. कहा जाता है कि वह नरसिम्‍हाराव के आध्‍यात्मिक गुरू थे.

प्रधानमंत्री नरसिम्‍हाराव के दौर में चर्चित हुए तांत्रिक चंद्रास्‍वामी का निधन

1990 के दशक में तांत्रिक चंद्रास्‍वामी सुर्खियों में रहे.(फाइल फोटो)

खास बातें

  • 1948 में जन्‍मे चंद्रास्‍वामी का विवादों से रहा नाता
  • 1990 के दौर में बेहद प्रभावशाली शख्सियत के रूप में उभरे
  • पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे

1990 के दौर में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्‍हाराव के दौर में अचानक सुर्खियों में आए तांत्रिक चंद्रास्‍वामी का मंगलवार को निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. तांत्रिक चंद्रास्‍वामी के बारे में कहा जाता है कि वह नरसिम्‍हाराव के आध्‍यात्मिक गुरू थे. 1991 में जब पीवी नरसिम्‍हाराव देश के प्रधानमंत्री बने तो उसके तत्‍काल बाद चंद्रास्‍वामी ने दिल्‍ली में एक आश्रम बनाया. कहा जाता है कि इस आश्रम की जमीन इंदिरा गांधी ने दी थी. 1948 में जन्‍मे चंद्रास्‍वामी का असली नाम नेमिचंद था. जैन समुदाय से ताल्‍लुक रखने वाले नेमिचंद बचपन में ही पिता के साथ हैदराबाद चले गए.

भक्‍तों की लंबी फेहरिस्‍त
वैसे तो बड़े-बड़े नेताओं से लेकर अभिनेताओं तक तांत्रिक चंद्रास्‍वामी के भक्‍तों की लंबी फेहरिस्‍त थी लेकिन इनमें एक प्रमुख नाम ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का भी था. इस संबंध में पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब 'वॉकिंग विद लायन्‍स-टेल्‍स फ्रॉम अ डिप्‍लोमेटिक पास्‍ट' में लिखा है कि उनके माध्‍यम से 1975 में वह ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर से मिले थे और उस मुलाकात में ही यह घोषणा कर दी थी कि वह अगले तीन-चार साल में प्रधानमंत्री बनेंगी और यह बात सही साबित हुई.   

विवादित शख्सियत
चंद्रास्‍वामी का विवादों से भी नाता रहा. लंदन के बिजनेसमैन से एक लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में 1996 में उनको जेल भी जाना पड़ा. उनके ऊपर विदेशी मुद्रा उल्‍लंघन यानी फेमा के कई मामले भी चले.


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