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BJP नेता हिमंता बिस्वा सरमा को राहत, चुनाव प्रचार पर लगी रोक की अवधि को चुनाव आयोग ने घटाया

कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आय़ोग को 30 मार्च को एक शिकायत सौंपी थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि हिमंता बिस्वा सरमा ने मोहिलारी को सार्वजनिक रूप से धमकी दी है.

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Himanta Biswa Sarma पर पहले 48 घंटे की रोक लगी थी

Assam Assembly Election 2021 :चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता और असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (BJP leader Himanta Biswa Sarma) को राहत दे दी है. आयोग ने विवादित बयान को लेकर हिमंता पर 48 घंटे (Election Campaign Ban)  का प्रतिबंध लगाया था, जिसे घटाकर अब 24 घंटे का कर दिया गया है. इसका तात्पर्य यह है कि सरमा शनिवार शाम से चुनाव प्रचार दोबारा शुरू कर सकेगे. कांग्रेस ने चुनाव आयोग में हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

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भारतीय निर्वाचन आय़ोग (Election Commission) ने असम में बीजेपी के कद्दावर नेता और मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) को कांग्रेस की शिकायत पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. कांग्रेस का आरोप है कि हिमंता ने हग्रामा मोहिलारी (Hagrama Mohilary) के खिलाफ धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया है. मोहिलारी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (Bodoland People's Front) के प्रमुख हैं, जिन्होंने चुनाव के ठीक पहले बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. असम विधानसभा चुनाव के लिए एक अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान हुआ.

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कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आय़ोग को 30 मार्च को एक शिकायत सौंपी थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि हिमंता बिस्वा सरमा ने मोहिलारी को सार्वजनिक रूप से धमकी दी है. इसमें सरमा ने कथित तौर पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मोहिलारी को जेल भेजने की बात कही है.इस कारण बताओ नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने आरोपलगाया है कि इस कथित धमकी के जरिये हिमंता बिस्वा सरमा ने मतदाताओं को कांग्रेस उसके सहयोगी दलों को वोट न देने के लिए भी आगाह किया है. इसमें मोहिलारी का दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट शामिल है.

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आयोग को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से सरमा के बयान का पूरा अंश मिल गया है. इसमें सरमा ने कहा है अगर हग्रामा मोहिलारी ने उग्रवाद का रास्ता चुना तो वह जेल जाएगा.यह सीधी बात है. अगर मोहिलारी ने बाथा को प्रोत्साहित किया तो उसे जेल जाना पड़ेगा. हमें पहले ही बहुत से साक्ष्य मिल चुके हैं. यह केस एनआईए को सौंपा जा रहा है. कोकराझार ममें एक कार से हथियारों की बरामदगी के मामले को एनआईए को सौंपा जा रहा है. किसी को भी बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद में अशांति फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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