नई दिल्ली:
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कांग्रेस के कामकाज में व्यापक और टिकाऊ बदलाव लाने की योजनाओं का संकेत दिया ताकि पार्टी पूरी ताकत से लोकसभा सहित विभिन्न चुनावों में मुकाबले के लिए तैयार रहे।
बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की एआईसीसी सचिवों की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनने के बाद टिप्पणी थी कि संगठन में कामकाज के बारे में कोई भी खुश नजर नहीं दिख रहा और हमें इसे सुधारना होगा।
नेताओं ने राहुल का हवाला देते हुए बताया कि दो घंटे की बैठक में उन्होंने कहा कि सिस्टम के बारे में कोई खुश नजर नहीं दिख रहा, क्योंकि उनका मानना है कि कोई नियम कानून नहीं है और इसलिए अनिश्चितता है। हमें स्थिति को सुधारना होगा।
एक पदाधिकारी का कहना था कि राहुल ने सुझाव दिया है कि वह व्यापक और टिकाऊ बदलाव के पक्ष में हैं। उनका कहना था कि फिलहाल प्राथमिकता कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों में तत्काल होने वाले चुनावों का सामना करना है और उसके बाद समग्र समस्याओं को दुरुस्त करना होगा।
गांधी ने यह टिप्पणी तब की जब एक सचिव ने पार्टी में सिस्टम की कमी और बढ़ते असमंजस की बात करते हुए कहा कि किसी को नहीं पता कि दूसरा क्या कर रहा है।
इसके अलावा सचिव ने कहा कि सरकार और संगठन के बीच कोई समन्वय नहीं है क्योंकि सरकारी समितियों में नियुक्तियां करने से पहले पार्टी को विश्वास में नहीं लिया जाता।
आज की बैठक में कई लोगों को अपनी बात कहने का मौका नहीं मिल सका लिहाजा राहुल गांधी सोमवार को एक बार फिर उनके साथ बैठक करेंगे।
राहुल गांधी ने गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में बातचीत पूरी नहीं हो सकी इसलिए यह बैठक आज भी हुई। जयपुर के चिंतन शिविर में पार्टी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद पार्टी पदाधिकारियों के साथ यह उनकी पहली औपचारिक बैठक थी।
बतौर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की एआईसीसी सचिवों की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनने के बाद टिप्पणी थी कि संगठन में कामकाज के बारे में कोई भी खुश नजर नहीं दिख रहा और हमें इसे सुधारना होगा।
नेताओं ने राहुल का हवाला देते हुए बताया कि दो घंटे की बैठक में उन्होंने कहा कि सिस्टम के बारे में कोई खुश नजर नहीं दिख रहा, क्योंकि उनका मानना है कि कोई नियम कानून नहीं है और इसलिए अनिश्चितता है। हमें स्थिति को सुधारना होगा।
एक पदाधिकारी का कहना था कि राहुल ने सुझाव दिया है कि वह व्यापक और टिकाऊ बदलाव के पक्ष में हैं। उनका कहना था कि फिलहाल प्राथमिकता कर्नाटक सहित विभिन्न राज्यों में तत्काल होने वाले चुनावों का सामना करना है और उसके बाद समग्र समस्याओं को दुरुस्त करना होगा।
गांधी ने यह टिप्पणी तब की जब एक सचिव ने पार्टी में सिस्टम की कमी और बढ़ते असमंजस की बात करते हुए कहा कि किसी को नहीं पता कि दूसरा क्या कर रहा है।
इसके अलावा सचिव ने कहा कि सरकार और संगठन के बीच कोई समन्वय नहीं है क्योंकि सरकारी समितियों में नियुक्तियां करने से पहले पार्टी को विश्वास में नहीं लिया जाता।
आज की बैठक में कई लोगों को अपनी बात कहने का मौका नहीं मिल सका लिहाजा राहुल गांधी सोमवार को एक बार फिर उनके साथ बैठक करेंगे।
राहुल गांधी ने गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में बातचीत पूरी नहीं हो सकी इसलिए यह बैठक आज भी हुई। जयपुर के चिंतन शिविर में पार्टी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद पार्टी पदाधिकारियों के साथ यह उनकी पहली औपचारिक बैठक थी।
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