दिल्ली कैंट मामले में ताउम्र जेल की सजा पाने वाले पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सरेन्डर करने की अवधि को बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि उसे आत्मसमर्पण के लिए सज्जन कुमार को और समय देने का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है. कोर्ट के फैसले से साफ हो गया कि उन्हें 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण करना होगा.
1984 anti-Sikh riots case: Delhi High Court dismissed Sajjan Kumar's plea which sought more time to surrender pic.twitter.com/Bw8wGwzcCz
— ANI (@ANI) December 21, 2018
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याचिका में उन्होंने कहा था कि उनका बड़ा परिवार है जिसमें पत्नी के अलावा तीन बेटे और 8 पोते-पोतियां है. ऐसे में उनको अपनी संपत्ति का सेटेलमेंट करना है. साथ ही उन्होंने कहा कि वो इस सरेंडर करने से पहले अपने दोस्तों व नजदीकी रिश्तेदारों से मिलना चाहते हैं जिन्होंने 6 दशकों तक उनका साथ दिया.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि सज्जन कुमार ताउम्र जेल में रहेंगे. इस मामले में हाईकोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी भागमल और तीन अन्य की दोषी बरकरार रखा है. कोर्ट ने सज्जन कुमार को सरेंडर करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया था.
बता दें कि सज्जन कुमार को हत्या, साजिश, दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का दोषी पाया गया. सज्जन कुमार के अलावा नेवी के रिटायर्ड अधिकरी कैप्टन भागमल, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोकर और गिरधारी लाल को भी दोषी करार दिया है. इन तीनों को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इनके अलावा पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोकर को भी दोषी करार पाया गया, जिन्हें निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. अब हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है.
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