Covid-19 Vaccination: अभियान के पहले चरण में हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया जाएगा. सबसे पहले टीका उन लोगों को दिया जाएगा जो दिन-रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं जैसे कि हेल्थ केयर वर्कर. उसके बाद सफाई कर्मी, पुलिस आदि जैसे जो फ्रंटलाइन वर्कर हैं उनको पहले चरण में टीका (Covid-19 Vaccine) लगाया जा रहा है. देश में करीब तीन करोड़ हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर हैं. टीकाकारण अभियान के पहले दिन 16 जनवरी को करीब तीन लाख स्वास्थ्य कर्मियों को 2,934 केंद्रों पर टीके लगाए जाएंगे.
टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़ी 10 बातें..
देश में करीब तीन करोड़ हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर हैं. इसमें स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या करीब 1 करोड़ है जबकि फ्रंटलाइन वर्कर्स 2 करोड़ है. यह तय किया गया है कि इन तीन करोड़ लोगों के टीकाकरण पर जो खर्च होगा उस पर राज्य सरकारों पर कोई बोझ नहीं आएगा, यह सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी.
इसके बाद 27 करोड़ 50 वर्ष से अधिक या 50 से नीचे गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा.
टीकाकरण अभियान के लिए वैक्सीन की 1.65 करोड़ डोज़ स्टॉक की जा चुकी हैं, इसमें कॉविशील्ड की 1.1 करोड़ और कोवैक्सीन की 55 लाख डोज हैं.
शुरुआत में वैक्सीनेशन साइट 3,000 होगी. हर साइट पर रोज़ाना 100 टीके लगेंगे. टीकाकरण का समय सुबह 9 से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है.
लाभार्थी को 24 घंटे पहले SMS से सूचित होगा. टीके के लिएलाभार्थी को COVISHIELD और COVAXIN में से मनपसंद वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं होगा.
वैक्सीन के दो डोज़ लगेंगे.पहली डोज़ लगने के 28 दिन बाद उसी वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगेगी. वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगने के 14 दिन बाद वैक्सीन असर दिखाना शुरू करेगी
.वैक्सीन लगने के बाद आधा घंटा वैक्सीनेशन साइट पर लाभार्थी को रुकना होगा, देखा जाएगा कोई दुष्प्रभाव या प्रतिकूल घटना तो नहीं.
जिसका CoWIN ऐप पर रजिस्ट्रेशन होगा उसको ही निर्धारित समय पर टीका लगाया जाएगा. 3 करोड़ हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर का रजिस्ट्रेशन कराना सरकार और सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी है.
इसी तरह 27 करोड़ 50 वर्ष से अधिक या 50 वर्ष से नीचे गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों का रजिस्ट्रेशन या तो वह लोग खुद करवा सकते हैं या कम्युनिटी सर्विस सेंटर/ ब्लॉक के मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज के ज़रिए होगा. इसके लिए सरकार बकायदा दिशा निर्देश जारी करेगी.
किस व्यक्ति को पुरानी गंभीर बीमारी से ग्रस्त माना जाएगा इसके बारे में सरकार ने एक समिति बनाई है जिसकी रिपोर्ट के आधार पर दिशानिर्देश जारी होंगे.