ज‍िम में ये क्‍या कर बैठीं Disha Patani, फैंस ने कहा 'ध्‍यान दो...', तो टाइगर श्रॉफ का आया ऐसा रिएक्‍शन, जानने के लिए देखें Video

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength Training) को वेट ट्रेनिंग, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग और मस्क्यूलर ट्रेनिंग भी कहा जाता है. अपनी मसल्स की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए ये वर्कआउट किया जाता है. दिशा पटानी (Disha Patani) ने इस वर्कआउट को करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं.

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Disha Patani ने इस वर्कआउट को करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की हैं.

फिटनेस फ्रीक दिशा पटानी (Disha Patani) के वीडियोज फिट रहने के शौकीनों को हर रोज नए गोल्स देते हैं. दिशा पटानी की परफेक्ट फिगर का राज उनका वर्कआउट है, लेकिन ये कोई आसान वर्कआउट (Easy Workout) नहीं है. अपनी फिटनेस और फिगर को मेंटेन रखने के लिए दिशा पटानी हर तरह का वर्कआउट करती हैं. दिखने में ये वर्कआउट साधारण लग सकता है लेकिन इसमें बहुत ज्यादा ताकत और संतुलन की जरूरत होती है. दिशा पटानी की तरह आप भी ये वर्कआउट कर सकते हैं. इसके एक नहीं कई फायदे हैं. चलिए जानते हैं क्या हैं स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength Training) करने के फायदे.

इस वीडियो में दिशा का पालतू भी एक तरफ लेटा हुआ है. वह दिशा के बहुत करीब है. ऐसे में कुछ यूजर्स ने कमेंट करते हुए कहा कि 'नोट करें उधर पपी था.' वहीं, एक दूसरे यूजर ने लिखा कि लगता है यह प्‍लास्‍ट‍िक का है. इन सबसे अलग दिशा पटानी के इस वीडियो पर ध्‍यान खींचने वाला कमेंट है टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff)  का. जो उनकी तारीफ कर रहे हैं. इस पोस्‍ट में देखें टाइगर का कमेंट.

देखें दिशा पटानी का ये वर्कआउट वीडियो (Disha Patani workout video)

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग क्या है? | What Is Strength Training?

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को वेट ट्रेनिंग, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग और मस्क्यूलर ट्रेनिंग भी कहा जाता है. अपनी मसल्स की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए ये वर्कआउट किया जाता है. जिसमें वेट लिफ्ट करके कुछ देर होल्ड किया जाता है. इस वर्कआउट को करने से पहले टारगेट मसल तय होनी चाहिए. जिसके आधार पर अलग अलग तरह के वेट के साथ अलग अलग स्ट्रेंथ ट्रेनिंग होती है.

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के शानदार फायदे | Great Benefits Of Strength Training

1) मजबूत मसल्स

इस वर्कआउट को रेग्यूलर करके आप अपनी मसल स्ट्रेंथ बढ़ा सकते हैं. जिससे रोजमर्रा के काम करना आसान हो जाता है और जल्दी थकान नहीं होती.

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2) बेहतर मेटाबॉलिज्म

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का असर डाइजेशन की रफ्तार पर भी पड़ता है. पेट की मसल्स की भी स्ट्रेचिंग होती है. जिससे पेट सुचारू रूप से काम करता है. जिससे मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है और कैलोरीज ज्यादा बर्न होती हैं.

Photo Credit: iStock

3) कम होगी पेट की चर्बी

पेट में प्रॉपर स्ट्रेचिंग होती है तो पेट भी जल्दी कम होता है. खासतौर से जिन लोगों का पेट बाहर निकला हो उनका एब्डोमिनल फैट घटाने के लिए ये कारगर एक्सरसाइज है.

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4) पतला होना हुआ आसान

इस वर्कआउट से मसल्स का फैट कम होता है. जिसकी वजह से आप पतले नजर आते हैं.

5) गिरने का खतरा होगा कम

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज से पैर की मसल्स भी स्ट्रॉन्ग होती हैं. मसल्स की मजबूती की वजह से गिरने का खतरा भी कम होता है. क्योंकि ये बैलेंसिंग में भी मदद करता है.

6) घटेगा चोट लगने का खतरा

मसल्स की स्ट्रेंथ बढ़ने और बॉडी बैलेंसिंग सही होने का असर घुटने, कोहनी जैसे ज्वाइंट्स पर भी पड़ता है. जो चोट के खिलाफ इनके रिफ्लेक्सेस को ज्यादा स्ट्रांग बना देता है.

7) दिल की सेहत

स्ट्रेंथ एक्सरसाइज से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है. ये ब्लड सर्कुलेशन को ठीक कर कोलेस्ट्रॉल पर भी काबू रखती है. जिसका फायदा दिल की सेहत को होता है.

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8) ब्लड शुगर लेवल

इस वर्कआउट से शुगर पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. स्केलेटल मसल्स में खिंचाव की वजह से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ जाती है. जिसका असर ब्लड शुगर पर पड़ता है.

9) हड्डियां भी होंगी मजबूत

ज्यादा वजन उठाने का असर हड्डियों पर भी पड़ता है. शुरूआत में बोन्स को ज्यादा स्ट्रेस महसूस हो सकता है. लेकिन धीरे धीरे बोन सेल्स रीबिल्ड होना शुरू हो जाते हैं. जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है

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