सिडनी: दुनिया वर्तमान में एक मानसिक स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है, जिसमें लाखों लोग डिप्रेशन, चिंता और अन्य मेंटल हेल्थ प्रोब्लम्स की शिकायत कर रहे हैं. हाल के अनुमानों के अनुसार, सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से लगभग आधे अपने जीवनकाल में किसी समय मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का अनुभव करते हैं. अवसाद और चिंता कई अन्य बीमारियों के प्रमुख कारणों में से हैं.
कोविड महामारी इस स्थिति को और बिगाड़ रही है, साइकोलॉजिकल स्ट्रेस रेट में बढ़ोत्तरी हुई है और यह एक तिहाई लोगों को प्रभावित कर रहा है.
हालांकि इसके उपचार में पारंपरिक उपचार जैसे चिकित्सा और दवा प्रभावी हो सकते हैं. नई स्टडी इन कंडिशन के मैनेजमेंट में एक्सरसाइज की इंपोर्टेंस के बारे में है.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम, दवा से भी ज्यादा प्रभावी?
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हालिया अध्ययन ने अवसाद, चिंता और मनोवैज्ञानिक तनाव पर फिजिकल एक्टिविटी के प्रभावों की जांच करने वाले 1,000 से ज्यादा रिसर्च टेस्ट की समीक्षा की. निष्कर्ष में पाया गया कि एक्सरसाइज मेंटल हेल्थ प्रोब्लम्स के इलाज का एक प्रभावी तरीका है और यह दवा या सला से भी अधिक प्रभावी हो सकता है.
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तेज चलना, वजन उठाना और योग करना प्रभावी:
शोध में 1,039 टेस्ट और 128,119 प्रतिभागी शामिल थे, जिसमें पाया कि हर हफ्ते 150 मिनट कई प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी (जैसे तेज चलना, वजन उठाना और योग करना) सामान्य देखभाल (जैसे दवाओं) की तुलना में अवसाद, चिंता और को काफी कम कर देता है.
सबसे बड़ा सुधार डिप्रेशन, एचआईवी, किडनी की बीमारी, गर्भवती और प्रसवोत्तर महिलाओं में और हेल्दी व्यक्तियों में देखा गया.
6 से 12 हफ्ते तक व्यायाम करने से सबसे अधिक लाभ:
शोध में पाया कि व्यायाम की तीव्रता जितनी अधिक होती है, उतना ही अधिक लाभदायक होता है. उदाहरण के लिए, सामान्य गति से चलने के बजाय तेज गति से चलना और कम ड्यूरेशन के बजाय 6 से 12 हफ्ते तक व्यायाम करने से सबसे अधिक लाभ हो सकता है. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार बनाए रखने के लिए लंबे समय तक व्यायाम करना जरूरी है.
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बाकी उपायों से कितना प्रभावी है व्यायाम?
निष्कर्ष बताते हैं कि व्यायाम दवा या कॉग्नेटिव बिहेवियर थेरेपी की तुलना में लगभग 1.5 गुना अधिक प्रभावी है. इसके अलावा, दवाओं की तुलना में व्यायाम के अतिरिक्त लाभ हैं, जैसे कम लागत, कम दुष्प्रभाव और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद, जैसे कि सही वजन, बेहतर हार्ट और हड्डियों का स्वास्थ्य और कॉग्नेटिव बेनिफिट्स.
व्यायाम कैसे डालता है मानसकि स्वास्थ्य पर प्रभाव:
माना जाता है कि व्यायाम कई तरीकों से और छोटे और लॉन्ग टर्म इफेक्ट के साथ मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. व्यायाम के तुरंत बाद मस्तिष्क में एंडोर्फिन और डोपामाइन का स्राव होता है. यह मूड को बेहतर करने और तनाव को कम करने में मदद करता है. लंबे समय तक व्यायाम के बाद न्यूरोट्रांसमीटर के रिलीज होने से ब्रेन चेंजेस को बढ़ावा मिलता है जो मूड को बेहतर करने और अनुभूति में मदद करती है. ये सभी हमारे मस्तिष्क के कार्य और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.
नियमित व्यायाम से नींद में सुधार हो सकता है, जो अवसाद और चिंता में बड़ी भूमिका निभाता है. इसके मनोवैज्ञानिक लाभ भी हैं, जैसे आत्म-सम्मान में वृद्धि और उपलब्धि की भावना, ये सभी अवसाद से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद हैं.
एक्सपर्ट की लें मदद:
यह ध्यान रखना जरूरी है कि आप व्यायाम के लिए एक हेल्थ प्रोफेशनल्स की मदद ले रहे हैं. एक ट्रीटमेंट प्लान में मनोचिकित्सा और दवा जैसे उपचारों के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करना, बैलेंस डाइट खाना और सामाजिकता जैसे लाइफस्टाइल ऑप्शन्स का कॉम्बिनेशन शामिल हो सकता है.
लेकिन व्यायाम को सिर्फ एक अच्छे विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. यह मेंटल हेल्थ कंडिशन के मैनेजमेंट के लिए एक शक्तिशाली और सुलभ उपकरण है और सबसे अच्छी बात यह है कि यह मुफ्त है और बहुत सारे अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभों के साथ आता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)