आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के मुताबिक मॉनसून के सीजन में हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है. इस मौसम मे संक्रामक बीमारियां फैलने का डर रहता है. यही वजह है कि ताजा और हेल्दी डाइट लेने के अलावा शरीर को डिटॉक्स करने के लिए हफ्ते में एक दिन उपवास रखने पर जोर दिया जाता है. हफ्ते में एक दिन उपवास रखने से न सिर्फ आप स्वस्थ्य रह सकते हैं बल्कि तनाव मुक्त होने में भी मदद मिलती है. इसके अलावा सात्विक भोजन करने से मन और शरीर में संतुलन बना रहता है. तो चलिए जानते हैं आखिर मॉनसून में सात्विक भोजन करने पर जोर क्यों दिया जाता है.
क्या होता है सात्विक भोजन-What Is Sattvik Diet:
सात्विक भोजन शुद्ध है जिसे कोई भी खा सकता है. यह बहुत कम तेल मसाले में तैयार किया जाने वाला भोजन है. सात्विक भोजन बिना लहसुन प्याज डाले हुए बनाया जाता है. दरअसल इसे तैयार करते वक्त मन खुश होना चाहिए तभी यह पूरी तरह सात्विक भोजन कहा जा सकता है. सात्विक भोजन करने से आपका मन शरीर और आत्मा का संतुलन बनाने में मदद मिलती है. सात्विक भोजन शरीर को भरपूर पोषण देता है और इससे पाचन क्रिया भी सही रहती है. सबसे अच्छी बात ये है कि सात्विक भोजन खाने से शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और आप तनावमुक्त होते हैं.
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मन और शरीर में संतुलन बनाता है सात्विक भोजन-
ये तो आपने सुना होगा कि हम जो भोजन करते हैं वही हमारे मन और शरीर पर असर डालता है. ऐसे में जब आप सात्विक भोजन करते हैं तो इससे आपके मन और शरीर का संतुलन बेहतर होता है. अगर आपका मन और शरीर संतुलित है तो आपके जीवन में सकारात्मकता के साथ-साथ ऊर्जा बनी रहती है. आपको बता दें कि बिना प्याज लहसुन के खाने को सात्विक भोजन कहा जाता है, जिसे मानसून के सीजन में खाने की सलाह दी जाती है.
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उपवास करता है बॉडी को डिटॉक्स-
मॉनसून के महीने में कई सारे त्यौहार पड़ते हैं जिनमें लोग पूरे विधि विधान के साथ पूजा करते हुए उपवास रखते हैं. उपवास के दौरान लोग फल और डेयरी प्रोडक्ट खाते हैं जिससे इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग होता है और शरीर में एनर्जी बनी रहती है. जब आप हफ्ते में एक दिन उपवास रखते हैं तो बॉडी डिटॉक्स होती है और वजन कम करने में भी मदद मिलती है. शायद यही वजह है कि मॉनसून के सीजन में उपवास रखने और सात्विक भोजन खाने पर जोर दिया जाता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.