भगवान गणेश और तुलसी की कहानी...
नई दिल्ली: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) का बहुत महत्व है. देवउठनी एकादशी के बाद सभी धार्मिक शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है जैसे शादी, नामकरण, मुंडन, जनेऊ और गृह प्रवेश. इसी के साथ इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप की तुलसी के विवाह किया जाता है. भक्त शालीग्राम भगवान की बारात लेकर आते हैं. मां तुलसी को दुल्हन की तरह सजाया जाता है. लोग धूमधाम से नाच-गाने के साथ दोनों का विवाह कराते हैं. भगवान विष्णु से विवाह और लगभग हर शुभ काम में इस्तेमाल होने वाली तुलसी को लेकर एक कथा बेहद प्रचलित है कि इसे भगवान गणेश की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता. यहां जानिए इसकी वजह और साथ जानिए तुलसी के बारे में खास बातें.