Advertisement

पश्चिम बंगाल में सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सादगी से दुर्गा पूजा मनाने की तैयारियां तेज

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा (Durga Puja) में अब करीब एक महीने का समय बचा है. ऐसे में कोविड-19 महामारी (Covid 19 Pandemic) के मद्देनजर सादगी से उत्सव मनाने की तैयारियां पूरे शहर में शुरू हो गई हैं.

Advertisement
Read Time: 17 mins
पश्चिम बंगाल में सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सादगी से दुर्गा पूजा मनाने की तैयारियां तेज
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा (Durga Puja) में अब करीब एक महीने का समय बचा है. ऐसे में कोविड-19 महामारी (Covid 19 Pandemic) के मद्देनजर सादगी से उत्सव मनाने की तैयारियां पूरे शहर में शुरू हो गई हैं और आयोजक संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय पर काम कर रहे हैं.  ज्वलंत विषयों की थीम पर पूजा पंडाल बनाने के लिए ख्याति प्राप्त दक्षिण कोलकाता के आयोजक समाजसेवी संघ ने इस बार अपने खुले पंडाल की दिशा बदलकर दक्षिणी एवेन्यू की ओर करने का फैसला किया है ताकि श्रद्धालु अपने वाहन में बैठक कर दूर से ही देवी दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन कर सकें. पूजा संघ के सचिव अरिजीत मोइत्रा ने बताया, ‘‘ प्रतिमा के ऊपर पंडाल होगा लेकिन बाकी तीन ओर से वह खुला होगा. चिकित्सा कर्मी पंडाल के पास ही आपातकालीन किट के साथ तैनात होंगे. स्वयंसेवी, लोगों को पंडाल के प्रवेश द्वार पर भीड़ लगाने नहीं देंगे.''

Advertisement

यह भी पढ़ें- इस साल दुर्गा पूजा का आयोजन बड़ी चुनौती, पंडालों को खुला रखा जाना चाहिए : ममता बनर्जी

 उन्होंने कहा, ‘‘इस साल चीजें अलग होंगी...हमने पूजा पंडाल लगाने का बजट भी 60 लाख से कम कर 15 लाख कर दिया है. बचत की गई राशि सुंदरबन के 75 वंचित परिवारों में वितरीत की जाएगी.'' मोहम्मद अली पार्क के एक और सबसे बड़े आयोजक ने इस साल तड़क-भड़क को छोड़ सादगी से पूजा आयोजित करने का फैसला किया है. पूजा समिति के महासचिव अशोक ओझा ने कहा, ‘‘इस बार कम प्रकाश की व्यवस्था होगी और पंड़ाल छोटा होगा. देवी की प्रतिमा भी इस बार आठ फुट से ऊंची नहीं होगी.'' दक्षिण कोलकाता में आकर्षण के केंद्र में रहने वाले भवानीपुर 75 पाली पूजा पंडाल में भी तैयारियां चल रही हैं कोविड-19 की जांच के बाद मजदूरों ने काम शुरू कर दिया है. भवानीपुर 75 पाली समिति के पदाधिकारी सुबीर दास न कहा, ‘‘ हमारे पास सैनिटाइजर सुरंग होगी और सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जाएगी. पंडाल तक जाने वाली सड़क के दोनों ओर अवरोधक नहीं लगाए जाएंगे.''

यह भी पढ़ें- बंगाल में मनाया गया महालया का पर्व, अधिमास के कारण एक महीने बाद होगी दुर्गा पूजा

Advertisement

हालांकि, कोलकाता नगर निगम के अधिकारी देबाशीष कुमार द्वारा संरक्षण प्राप्त त्रिधारा संमिलानी ने अभी तक पूजा की योजना तैयार नहीं की. आयोजकों ने कहा कि वे इस साल उत्सव को लेकर दुविधा में हैं. कुमार ने कहा, ‘‘हमने प्रतिमा की बुकिंग कर ली है लेकिन पंडाल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है. हम इस विचार के समर्थक नहीं हैं कि केवल कार से आने वाले ही देवी के दर्शन कर सकें. उनका क्या जो कई किलोमीटर पैदल चल पूजा पंडाल आते हैं? उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम फैसला 25 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पूजा आयोजन समितियों के साथ होने वाली बैठक के बाद लिया जाएगा.''

Advertisement

उत्तरी कोलकाता में पारंपरिक रूप से प्रतिमा बनाने वालों की बस्ती कुम्हारटोली के कलाकारों का कहना है कि इस साल पहले की तरह कारोबार नहीं है क्योंकि अधिकतर पूजा समितियों ने बजट में कटौती की है. एक कलाकार कांछी पॉल ने कहा कि इस साल उन्हें पहले के मुकाबले महज 30 प्रतिशत काम मिला. उन्होंने कहा, ‘‘ लगभग सभी शीर्ष पूजा समितियों ने प्रतिमा की ऊंचाई आठ से 10 फुट रखने को कहा है जो सामान्य समय के मुकाबले कम से कम पांच फुट कम है। यह नयी सामान्य स्थिति है. हमें बदलती हुई परिस्थिति से सामंजस्य बनाना होगा.''

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Heat Wave: आसमान से बरस रही आग, तप रहे राज्य

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: