गांधी मैदान में उनकी पिछली रैली से पहले हुए बम धमाकों के संदर्भ में नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता की प्रशंसा करते हुए कहा, "बिहार के लोगों की जवांमर्दी को नमन करता हूं... आप न हिले, न डिगे..."। नीतीश का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने गठबंधन तोड़ा क्यों, इसके कारणों पर मैंने काफी विचार किया। दरअसल, उन्हें (नीतीश) प्रधानमंत्री बनने का सपना सोने नहीं देता। उनका (नीतीश) अभिमान हिमालय से भी ऊंचा है।
उन्होंने कहा कि होली के साथ देश चुनाव के रंग में रंग जाएगा। इस चुनाव में विकास के रंग, प्रगति के रंग, आत्मीयता के रंग, भाई चारे के रंग बिखेरेंगे।
मोदी ने कहा कि पूर्णिया की धरती पुराण काल से परिचित धरती रही है। इस धरती का हमेशा जिक्र रहा है। आजादी के आंदोलन में भी यहां के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। मोदी ने अनूपलाल मेहता, भोला पासवान, शास्त्री जी, सुधांसु जी, वैद्यनाथ चौधरी जी, और साहित्यकार वेणु, आदि का नाम लेते हुए इलाके महापुरुषों को नमन किया।
तीसरे मोर्चे पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कहा कि इसने कांग्रेस को बचाने का काम किया है। बिहार में बाढ़ के वक्त ये लोग कहां थे, असम में कत्लेआम हुआ तब थर्ड फ्रंट कहां था, यूपी में एक साल में 150 दंगे हुए तब कहां गए थे? चुनाव बिगुल बजने के साथ जाग जाते हैं और फिर सो जाते हैं। थर्ड फ्रंट में शामिल लोगों में से 12 तो पीएम बनना चाहते हैं।
मोदी ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के गठबंधन को कभी संकट नहीं आया है, क्योंकि भाजपा सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। हम प्रगतिशील सरकार बनाने के लिए आए हैं, सिर्फ सरकार बनाना हमारा मकसद नहीं है। देश में विकास के लिए सरकार बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मरी हुई, अस्पताल में पड़ी और ऑक्सीजन के सहारे चल रही सरकार है, इससे मुक्ति मिलनी चाहिए।
मोदी बोले, कुछ लोगों का अहंकार सातवें आसमान पर है। उनको कुछ न कुछ लिखकर चाहिए। बिहार की जनता जंगलराज से मुक्ति चाहती थी। आज पूरे देश में जंगलराज है, जिसे हटाने की शुरुआत बिहार से होनी चाहिए।
बिहार में आज वोट बैंक की राजनीति में डूबे नेता हैं। ये लोग आने वाली पीढ़ियों को भी तबाह करने का काम कर रहे हैं। बिहार में 1900 ऐसे स्कूल हैं, जिनका खर्चा हो रहा है, लेकिन वास्तविकता में ऐसे स्कूल हैं ही नहीं...। इन कागजी स्कूलों से बिहार का भविष्य नहीं बनेगा।
मोदी ने कहा कि बिहार के नौजवान देश को चला रहे हैं, लेकिन बिहार की पीढ़ी को बरबाद करने का काम नीतीश सरकार कर रही है। आने वाला युग तकनीक का है। बचपन से ही अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। बिहार में मात्र दो प्रतिशत स्कूल हैं, जहां कंप्यूटर हैं। क्या कर रहे हैं, दिल्ली के शहजादे, क्या कर रहे हैं, उनके मंत्री, जो दावा कर रहे थे कि देश के सभी नौजवानों के हाथ में आकाश टैबलेट होगा। मोदी ने पूछा कि यह आकाश से जमीन पर कब आएगा।
असम में सात प्रतिशत स्कूलों में, हरियाणा में 40 प्रतिशत स्कूलों में, महाराष्ट्र में 45 और राजस्थान में 22 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर हैं। भारत में स्कूलों में कंप्यूटर का औसत 22 प्रतिशत है। गुजरात जिसे बदनाम किया जा रहा है, जिसे कोसा जा रहा है, वहां पर 71 प्रतिशत स्कूलों में कंप्यूटर है। आने वाली पीढ़ी के भविष्य की चिंता है हमें।
उन्होंने कांग्रेस सरकार पर हमला किया कि वह दावा करते हैं कि आईटी हम लाए, लेकिन कहां गए... कहां तक लाए...?
बिहार में जूट की खेती को बरबाद कर दिया गया है, लेकिन यहां के नेता लूट में माहिर हो गए हैं। मोदी ने यदुवंशी लोगों की खूब तारीफ की। उत्तर प्रदेश में एक साल पहले दूध के दाम पशुपालकों को 18 रुपये मिलता था, लेकिन वहां अमूल के भेजते ही दूध के दाम 35-40 तक पहुंच गए। ऐसा काम वहां की सरकार नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि पुराने नेताओं को छोड़ों उन्होंने किसानों को, पशुपालकों को बरबाद किया है।
मोदी ने कहा कि यहां इतना पानी होने के बावजूद और मछुआरों की भारी संख्या होने के बाद भी सरकार इनके प्रति उदासीन है। यहां 400 करोड़ की मछली आंध्र प्रदेश से आती है।
देश के पूर्वी इलाके में विकास क्यों नहीं हो रहा है? उन्होंने कहा कि भारत के हर क्षेत्र का विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास संतुलित चाहिए... सर्वपोषक होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी सरकार पूर्वी इलाके के विकास का विशेष ध्यान रखेगी ताकि पश्चिमी राज्यों के बराबर आ सकें।
मोदी ने कहा कि यहां के सीएम का अहंकार बिहार के विकास में आड़े आ रहा है। उन्होंने कहा कि नेता के अहंकार ने कोसी के कहर के दौरान गुजरात की मदद को वापस कर दिया था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता अहंकार को माफ नहीं करती।
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में बनने वाली भाजपा की सरकार बिहार के लिए कुछ काम करती है तो क्या आज के सीएम वह काम स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि जो नीतीश कुमार ने मदद लौटाकर पाप किया था, आज उसकी माफी मांगें।
उन्होंने कहा कि सेक्यूलेरिज्म के नाम पर तमाम दल वोट बैंक की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि सेक्यूलेरिज्म के नाम मुसलमानों को धोखा दिया है। मोदी ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट कहती है कि बिहार में शहरी मुसलमानों में 45 प्रतिशत गरीब हैं, लेकिन गुजरात में मात्र 24 प्रतिशत। वहीं ग्रामीण मुसलमानों में 38 प्रतिशत लोग गरीब हैं, वहीं गुजरात में यह आंकड़ा मात्र सात प्रतिशत है। गुजरात का सेक्यूलेरिज्म सच्चा सेक्यूलेरिज्म है, जो सबका विकास करता है। मोदी ने तमाम आंकड़ों के सहारे लोगों को बताया कि बिहार और गुजरात के मुसलमानों में कितना फर्क है?
उन्होंने बिहार के लोगों से कहा कि इस कुचक्र से बाहर निकलिए और विकास के रास्ते पर चलें। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता ही हमारा मंत्र है। यही भारत की विशेषता है।
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