शिवसेना के टिकट पर निर्वाचित हुए अनंत गीते ने बुधवार को भारी उद्योग मंत्री का कार्यभार संभालने का फैसला किया, जिसके बाद विभागों के आवंटन को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच व्याप्त मतभेद दूर हो गए।
मंगलवार को गीते ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था और इस बात के संकेत मिले थे कि शिवसेना मोदी सरकार में कम प्रतिनिधित्व मिलने से नाराज है। भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक शिवसेना के 18 सांसद जीते हैं और मोदी सरकार में केवल गीते को ही मंत्री बनाया गया है। शिवसेना की चाह मोदी मंत्रिमंडल में ज्यादा प्रतिनिधित्व की है।
शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 'संतोषजनक' बातचीत की। गीते ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ ठाकरे की 'संतोषजनक बातचीत' के बाद यह निर्णय किया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी विभागों के आवंटन को लेकर अभी भी नाखुश है, गीते ने कहा, अब हम नाखुश नहीं हैं। उन्होंने कहा बाद में जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, तो पार्टी इस मामले को देखेगी।
(इनपुट भाषा से भी)
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