प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी से जुड़ा पाठ स्कूलों के सिलेबस में शामिल किए जाने पर मोदी ने ट्वीट किया है। मोदी ने लिखा है कि जीवित लोगों की जीवनी स्कूलों की पाठ्यक्रम में न हों।
उन्होंने लिखा कि इस देश के इतिहास में दिग्गजों की कमी नहीं है और बच्चों को उनकी जीवनी पढ़ाई जानी चाहिए, जिससे वे उनकी तरह बनना सीख सकें।
मोदी ने ट्वीट किया, मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि जीवित व्यक्तियों के जीवन वृतांत को स्कूल के पाठ्यक्रम के हिस्से के तौर पर शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा कि कुछ राज्य नरेंद्र मोदी के जीवन के संघर्ष को अपने स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास देश को वर्तमान तक लाने वाले दिग्गजों की गाथाओं से भरा पड़ा है। युवाओं को चाहिए कि वे इन महान लोगों के बारे में पढ़ें और उनका अनुसरण करें।
गुजरात सरकार ने प्रधानमंत्री के नाखुशी जाहिर करने के बाद राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में नरेंद्र मोदी की जीवनी शामिल करने का विचार आज त्याग दिया। राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा ने सुबह सात बजे प्रधानमंत्री का फोन आने के बाद स्कूली छात्रों को मोदी की जीवन के बारे में पढ़ाए जाने का विचार त्याग दिया।
चूडास्मा ने संवाददाताओं से कहा, नरेंद्रभाई ने आज सुबह मुझे फोन किया और मुझसे कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में जीवित व्यक्तियों की जीवनी और उनके जीवन के घटनाक्रमों को शामिल करना उचित नहीं है। वह प्राथमिक स्कूलों में उनकी जीवनी पढाने के विचार से खुश नहीं थे। उन्होंने हमसे यह परियोजना आगे नहीं बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा, मैंने नरेंद्रभाई को बताया कि उनकी इच्छा पूरी की जाएगी। मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस परियोजना के साथ आगे नहीं बढ़ेगी।
(इनपुट भाषा से भी)
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