
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है, जो विवादित हैं और इन पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. हाल ही में अमेरिका में सरकारी शटडाउन देखा गया, जिसमें तमाम सरकारी एजेंसियों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया. इस दौरान कई कर्मचारियों को बिना सैलरी के छुट्टी पर रखा जाना और नौकरी से निकालने जैसी चीजें शामिल थीं. अब इसे लेकर अमेरिका के एक जज ने आदेश जारी किया है. जिसमें सरकारी शटडाउन के दौरान कर्मचारियों को नौकरी से निकालने पर रोक लगा दी गई है. अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने ये फैसला सुनाया है.
4100 से ज्यादा छंटनी पर मांगा जवाब
जज ने साफ कहा कि ये छंटनी राजनीति से प्रेरित लगती हैं और बिना सोचे-समझे की जा रही हैं, ऐसे में इन पर रोक लगाना जरूरी है. सैन फ्रांसिस्को में ‘यूएस डिस्ट्रिक्ट जज' सुसन इल्स्टन ने सहायक अमेरिकी अटॉर्नी से कई बार कहा कि वे शुक्रवार से जारी किए गए 4,100 से अधिक छंटनी नोटिस के पीछे प्रशासन का तर्क स्पष्ट करें, जबकि छुट्टी पर भेजे गए कर्मचारी अपने कार्य ईमेल तक नहीं पहुंच पा रहे और ऐसा कोई भी नहीं हैं जो उनकी मदद कर सके.
छंटनी पर लगाई रोक
जज ने कहा, इनमें से ज्यादातर कार्यक्रमों में मानवीय कीमत पर कर्मचारियों को पूर्वनियोजित तरीके से बर्खास्त करने, निशाना बनाने की नीति अपनाई गई है. यह सब एक ऐसी मानवीय कीमत पर किया जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने नौकरियों में छंटनी पर रोक लगाने के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया और कहा कि उनका मानना है कि सबूत अंततः यह साबित कर देंगे कि ये छंटनी अवैध और अधिकार क्षेत्र से बाहर थीं.
अमेरिकी सरकार का शटडाउन
‘अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज' और अन्य संघीय लेबर यूनियंस ने इल्स्टन से प्रशासन को नए छंटनी नोटिस जारी करने और पहले से भेजे गए नोटिस को लागू करने से रोकने का अनुरोध किया था. संघों ने कहा कि यह बर्खास्तगी सत्ता का दुरुपयोग है, जिसका उद्देश्य कर्मियों को दंडित करना और कांग्रेस (संसद) पर दबाव बनाना है. इल्स्टन का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब एक अक्टूबर से शुरू हुआ ‘शटडाउन' अपने तीसरे हफ्ते में है. यह ‘शटडाउन' एक अक्टूबर को तब शुरू हुआ जब डेमोक्रटिक पार्टी के सदस्यों ने अल्पकालिक वित्तीय सहायता के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं