देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में सभी छात्रों खास तौर पर लड़कियों, महिला कर्मचारियों के लिये सुरक्षित एवं हिंसा मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप नये दिशानिर्देश तैयार किये हैं. आयोग ने इन पर सभी हितधारकों से 14 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं. यूजीसी के सचिव प्रो. राजनीश जैन द्वारा जारी सार्वजनिक नोटिस में ‘‘उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला एवं महिलाओं की सुरक्षा, सुरक्षितत वातावरण को लेकर बुनियादी सुविधाएं और साधन के लिये दिशानिर्देश'' विकसित करने की बात कही गई है.
आयोग ने कहा है कि इस पर सभी हितधारक 14 नवंबर तक विचार/सुझाव भेज सकते हैं. दिशानिर्देश में कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों को दाखिले के समय एक पुस्तिका दी जानी चाहिए, जिसमें उपयुक्त व्यवहार एवं आचरण की अपेक्षा सहित नियमों एवं नियमन का विस्तृत ब्यौरा दिया गया हो. इसमें कहा गया है कि छात्रों की मनोवैज्ञानिक एवं भावनात्मक चिंताओं को ध्यान में रखते हुए परिसर में पेशेवर काउंसलिंग की सेवा उपलब्ध करायी जानी चाहिए.
यूजीसी के दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘‘ महिलाओं की सुरक्षा सभी के लिये सर्वोपरि है. ऐसे में उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों में सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह से सुसज्जित होने चाहिए. परिसर के सुरक्षित होने से उच्च शिक्षण संस्थानों में महिलाओं की सहभागिता मजबूत होगी.''
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि उच्च शिक्षण संस्थानों के महिलाओं के लिए स्वच्छता एवं साफ सफाई सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना चाहिए, जिसमें आराम कक्ष, 24 घंटे जलापूर्ति, साबुन, ढके हुए कूड़ेदान, सैनिटरी वेंडिंग मशीन आदि शामिल है.
इसमें कहा गया है कि छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित परिवहन, कालेज आने जाने वाले रास्तों पर प्रकाश की उचित व्यवस्थाएवं फीडर बसों की सुविधा होनी चाहिए. विश्वसनीय सुरक्षा फर्म से पर्याप्त संख्या में महिला सुरक्षा गार्डो को रखा जाना चाहिए.
आयोग के नये दिशानिर्देश में कहा गया है कि छात्रों की सुरक्षा के लिये परिसर के चारो ओर चारदीवारी की व्यवस्था महत्वपूर्ण होती है और इसका ध्यान रखा जाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थान के परिसरों में सड़कों, पुस्तकालयों, गलियारा, खेल के मैदान, पार्क, प्रयोगशालाओं, पार्किग क्षेत्रों आदि में सीसीटीवी कैमरा का उचित प्रबंध होना चाहिए और यह केंद्रीयकृत निगरानी व्यवस्था से जुड़ा होना चाहिए.
दिशानिर्देश में कहा गया है कि प्रत्येक कालेज/विश्वविद्यालय/शैक्षणिक संस्थान में आंतरिक शिकायत समिति गठित की जानी चाहिए. यह समिति शिकायत निस्तारण एवं रोकथाम के लिये काम करेगी और छात्राओं एवं महिला कर्मचारियों से जुड़ी यौन उत्पीड़न की सभी शिकायतों पर विचार करेगी.
इसमें कहा गया है कि, ‘‘ विश्वविद्यलयों को परिसरों में यौन उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर बल दिया जाना चाहिए. ''
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