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Success Story: मजदूर पति कमाने में हुआ असमर्थ तो पत्नी ने उठा ली घर की जिम्मेदारी, पौधे बेचकर कमा रही लाखों रु

Bihar Women Success Story: महिला जिससे प्यार करती हैं उसके लिए सबकुछ कर सकती है, इसका उदाहरण है गया की रूबी कुमारी, जिनकी पहचान आज एक बिजनेस वुमन के तौर पर है.

Success Story: मजदूर पति कमाने में हुआ असमर्थ तो पत्नी ने उठा ली घर की जिम्मेदारी, पौधे बेचकर कमा रही लाखों रु
नई दिल्ली:

Success Story: महिलाओं को यूं हीं नहीं पूजनीय कहा गया है, क्योंकि हर समय पर महिलाओं ने ये साबित किया है कि वे हर क्षेत्र में कमाल कर सकती हैं, चाहे कोई बिजनेस (Business Women) हो या फिर कोई जॉब या चाहे कोई भी काम हो अगर वे चाह लें तो कर दिखाती हैं. घर-परिवार संभालने के साथ घर के खर्चों को भी बखूबी से उठा सकती है. बस जरूरत है तो उनपर विश्वास और सम्माने देने की. आज एक ऐसी महिला की कहानी के बारे में बताएंगे जिसे पढ़कर आपके अंदर भी जुनून भर जाएगा और महिलाओं के लिए इज्जत और बढ़ जाएगी. 

महिला जिससे प्यार करती हैं उसके लिए सबकुछ कर सकती है, इसका उदाहरण है गया की रूबी कुमारी, जिनकी पहचान आज एक बिजनेस वुमन के तौर पर होती है. आज रूबी पौधे बेचकर अच्छी कमाई कर रही हैं. उन्हें ट्री वुमन के नाम से भी जाना जाता है. रूबी कुमारी गया (Gaya) के बांके की रहने वाली हैं, उनकी शादी सुदर्शन कुमार से हुई थी. शादी के बाद रूबी की जिंदगी गांव में बाकी औरतों की तरह ही गुजर रही थी. लेकिन एक हादसे से सब बदल गया. रूबी के पति मजदूरी का काम करते थे. लेकिन मजदूरी का काम छोड़कर वे घर आ गए और एक मशीन पर काम करने लगे, तभी मशीन से वह घायल हो गए. उनके पति का हाथ काटना पड़ा, इलाज का खर्चा उठाना काफी मुश्किल था, घर में कमाने वाला कोई नहीं थी. घर की आर्थिक हालत खराब हो गई. 

ऐसे शुरू किया नर्सरी का बिजनेस

अपने पति की स्वास्थ्य के लिए रूबी ने कुछ पौधे लगाए और मन्नत मांगी, फिर उसने पौधे बेचने शुरू किए. देखते-देखते घर पर ही पौधे लगाना शुरू कर दिया और घर में नर्सरी का रूप ले लिया. अच्छी बात ये हुई कि 'मुख्यमंत्री निजी पौधशाला
 योजना के तहत पौधाशाला (Nursery) बनाने की जिम्मेदारी मिली, पहली खेप में रूबी को 24 रुपए प्रति पौधे की दर पर 480,000 रुपए के 20 हजार पौधे का ऑर्डर मिला. उन्होंने 20 हजार पौधे वन विभाग को दिए, और पिछले साल रूबी ने1 लाख से अधिक पौधे को सप्लाई किया. धीरे-धीरे उनका काम बढ़ता चला गया. अपनी मेहनत और इमानदारी से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और आगे बढ़ती चली गईं. 

पति ने किया पूरा सपोर्ट

इटीवी के साथ बातचीत में रूबी के पति बताते हैं कि रूबी नहीं होती तो मैं और मेरा परिवार बच नहीं पाता. मेरी पत्नी ने मेरा इलाज कराया. आज उसी की वजह से घर बना है और हमारा बेटा अच्छे स्कूल में पढ़ रहा है. मेरी पत्नी दूसरी महिलाओं के लिए मिसाल है. सुदर्शन कुमार कहते हैं कि आज के समय में गरीबी और पति की कमियों के कारण पत्नियां छोड़कर चली जाती हैं, लेकिन मेरी पत्नी ने मेरा साथ दिया. वे बताते हैं कि हाथ कटने की वजह से बाहर जाकर काम तो नहीं करता हूं, लेकिन पत्नी की पौधशाला में आकर कार्य करता हूं. अब हम लोगों की जिंदगी खुशहाली से कट रही हैं.

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