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फीस के लिए नहीं थे पैसे...डिलीवरी बॉय बना अफसर, जानिए JPSC पास करने वाले राजेश की कहानी..

आज राजेश रजक की यह कहानी हमें सिखाती है कि बाधाएं चाहे जितनी आएं अपने सपने को कभी नहीं छोड़ना चाहिए. हमेशा अपने हौंसले को मजबूत रखना चाहिए. एक न एक दिन सफलता आपके कदम चूमेगी....

फीस के लिए नहीं थे पैसे...डिलीवरी बॉय बना अफसर, जानिए JPSC पास करने वाले राजेश की कहानी..
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  साल 2017 में पिता की मृत्यु के बाद सारी जिम्मेदारी राजेश पर आ गई थी.

JPSC EXAM RESULT 2025 : जिंदगी कब कौन सा मोड़ ले लेती है, कोई नहीं जानता. कभी परिवार की जिम्मेदारी और पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए डिलीवरी बॉय और प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी करने वाले राजेश रजक अब अफसर बन गए हैं. आज जेपीएससी 2023 के परिणाम घोषित हुए हैं. जिसमें राजेश रजक ने 271वीं रैंक हासिल की है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  साल 2017 में पिता की मृत्यु के बाद सारी जिम्मेदारी राजेश पर आ गई थी. तब राजेश ने 12वीं की ही पढ़ाई पूरी की थी. पिता के जाने के बाद घर के हालात ऐसे हो गए थे की पढ़ाई पूरी करना बड़ी चुनौती बन गई थी.

हजारीबाग जिले के बरकट्टा गांव के रहने वाले राजेश रजक ने अफसर बनने का सपना नहीं छोड़ा. उन्होंने अपने मनोबल को कमजोर नहीं होने दिया. राजेश ने हज़ारीबाग़ से स्नातक की पढ़ाई पूरी की. जिसकी फीस भरने और परिवार का खर्चा चलाने के लिए एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी करने लगे. 

जैसे ही उन्होंने ग्रेजुएशन कंप्लीट की तब तक कोरोना महामारी का संकट पूरी दुनिया पर छा गया. जिसके बाद वो वापस रांची आ गए और परिवार की मदद के लिए डिलीवरी बॉय की नौकरी शुरू कर दी. इस दौरान भी उन्होंने अपने अंदर पढ़ाई के जुनून को कम नहीं होने दिया और JPSC की तैयारी में जुटे रहे.

पहले प्रयास में असफल, लेकिन नहीं मानी हार

 जेपीएससी की वैकेंसी आई उन्होंने अपनी डिलीवरी बॉय की नौकरी को छोड़कर पूरी तरह से झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा तैयारी में जुट गए. पहले प्रयास में राजेश ने प्रीलिम्स निकाल लिया, लेकिन मेन्स में कुछ नंबरों से पीछे रह गए. बिना हताशा और असफलता से सीख लेते हुए रजक ने नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी. 

जेपीएससी की तैयारी में उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया. उन्होंने 11 वीं से 13 वीं की jpsc की परीक्षा दी और आज 271 रैंक हासिल करके अपने सपने को पूरा किया. 

आपको बता दें कि राजेश की मां जानकी देवी एक सरकारी स्कूल में रसोइया का काम करती हैं. बेटे के अफसर बनने से मां की खुशी का ठिकाना नहीं है. 

आज राजेश रजक की यह कहानी हमें सिखाती है कि बाधाएं चाहे जितनी आएं अपने सपने को कभी नहीं छोड़ना चाहिए. हमेशा अपने हौंसले बुलंद रखने चाहिए. एक ना एक दिन सफलता आपके क़दम जरूर चूमेगी.

आपको बता दें कि JPSC भर्ती परीक्षा के माध्यम से कुल 342 उम्मीदवार चुने गए हैं. जिसमें डिप्टी कलेक्टर 207, पद पुलिस उपाधीक्षक 35, राज्य कर पदाधिकारी 56, कारा अधीक्षक 2, झारखंड शिक्षा सेवा के लिए कुल 10, जिला समादेष्टा के लिए 1, सहायक निबंधक 8, श्रम अधीक्षक 14, PO 6 और उत्पाद निरीक्षक के लिए कुल 3 का चयन किया गया है.

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