Success Story: अक्सर हम अपनी छोटी सी परेशानी को लेकर पूरे जीवन को कोसने लगते हैं. अपने जीवन से हताश हो जाते हैं. जबकि इंसान चाहे तो हर परिस्थिति से निकल सकता है. लेकिन जरा सोचिए कि अगर आपके पास दोनों हाथ नहीं है तो क्या आप एक नॉर्मल जिंदगी खुशी के साथ जी सकते हैं? शायद नहीं लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस हाल में बिना जिंदगी से कोई शिकायत किए खुशी से अपनी जीवन जीते हैं और भी इमानदारी और दूसरों की मदद करते हुए. आज सक्सेस स्टोरी में कहानी है एक ऐसी ही महिला की जो शारिरीक रूप से सक्षम तो नहीं हैं लेकिन जज्बा और जुनून से काफी भरी हुई हैं.
पैरों लिखकर की पढ़ाई
इनका नाम है लक्ष्मी कुमारी, जो जन्म से ही दिव्यांग है. अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल नहीं कर पाती है. लेकिन लक्ष्मी वो हर बेसिक काम कर सकती हैं जो एक आम इंसान कर सकता है. लक्ष्मी झारखंड बेड़ो की रहने वाली हैं. उन्होंने फॉलोसफी से ग्रेजुएशन किया है और बच्चों को पढ़ाती थी. उन्होंने अपनी पढाई पैरों से लिखकर पूरी की. आज लक्ष्मी दिव्यांग बच्चों की मदद करती हैं, ताकि वे एक अच्छा जीवन जी सके.
सरकारी सुविधा नहीं मिली कभी
काफी पहले ही पिता की मृत्यु होने के बाद वे टूट गईं , लेकिन हिम्मत नहीं हारी और अपने करियर के लिए पढ़ाई जारी रखा. उनके इस दिव्यांगता के बाद भी उन्हें सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं दिया गया न सरकारी नौकरी में और न ही किसी अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ दिया गया. लेकिन अपने आप पर लक्ष्मी को पूरा भरोसा था. आज वह एक हैंडीकैप्म एनजीओ में बच्चों के लिए काम करती है.
'जिंदगी से कोई शिकायत नहीं'
लक्ष्मी से जब पूछा गया कि आपको कोई जिंदगी से कोई शिकायत नहीं है? तो उन्होंने बहुत ही प्यारी सी स्माइल के साथ कहा नहीं कोई शिकायत नहीं है. लक्ष्मी का जीवन आसान नहीं है लेकिन उन्होंने अपने दुख पर रोने के बजाय आगे बढ़ना चुना जो हर किसी के लिए एक प्रेरेणा है.
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