Whether to attend JEE Main both sessions or just one: जेईई मेन यानी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन देश में इंजीनियरिंग की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है. इस परीक्षा को पास कर छात्र आईआईटी (IIT) में पढ़ने के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं. जेईई मेन का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाता है. एनटीए ने अगले साल के जेईई मेन 2025 का शेड्यूल जारी कर दिया है. आपको बता दें कि जेईई मेन परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है. एक बार जनवरी में और दूसरी बार अप्रैल में. एजेंसी ने जेईई मेन 2025 जनवरी सत्र 1 का शेड्यूल जारी किया है, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिय शुरू कर दी गई है.
जनवरी सत्र के जईई मेन 2025 परीक्षा का आयोजन 22 जनवरी से 31 जनवरी 2025 तक किया जाएगा. वहीं जेईई मेन 2025 सत्र 2 अप्रैल में होगा. जब से जेईई मेन के दो सत्र का आयोजन किया जा रहा है, तब से छात्रों में इस बात को लेकर कंफ्यूजन है कि अगर वे जेईई मेन के जनवरी सत्र में भाग लेते हैं और डिसक्वालीफाइड होते हैं तो क्या वे अप्रैल सत्र की परीक्षा में भाग ले सकते हैं. क्या जेईई मेन के दोनों सत्र में भाग लिया जा सकता है, या फिर केवल एक में.
JEE Main 2025 सत्र 1 के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, 22 जनवरी से परीक्षा शुरू, ऐसे करें Apply
तो आपको बता दें कि जेईई मेन दोनों सत्र की परीक्षा आयोजित करने का मुख्य कारण छात्रों को अपने स्कोर सुधारने के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करना है. यदि कोई छात्र जेईई मेन के पहले सत्र में असफल रहता है तो उसे दूसरे सत्र में फिर से परीक्षा देने का मौका मिलता है. इससे तनाव में कमी के साथ स्टूडेंट को अपनी पिछली गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है. इसके अलावा जेईई मेन के दोनों सत्र में भाग लेने के कई फायदे हैं-
स्कोर सुधार का मौका
जेईई मेन के दोनों सत्र में भाग लेने वाले छात्रों को दूसरे सत्र में उच्च रैंक प्राप्त करने का मौका मिलता है, भले ही पहला प्रयास सफल रहा हो. जेईई मेन में बेहतर स्कोर छात्र को एनआईटी, ट्रिपल आईटी और जीफटीआई (GFTI) जैसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश का मौका देता है.
बेहतर तैयारी
जेईई मेन के दोनों सत्र लेने से परीक्षा की तैयारी में सुधार होता है. पहला सत्र वैल्यूएवल प्रैक्टिस के रूप में कार्य करता है, जिससे छात्रों को अपनी गलतियों का विश्लेषण करने और दूसरे सत्र में बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलता है. इससे छात्र का आत्मविश्वास बढ़ता है.
सर्वश्रेष्ठ स्कोर पर विचार
जेईई मेन दोनों सत्रों से सर्वश्रेष्ठ स्कोर पर विचार करता है. अगर कोई छात्र दूसरे सत्र में बेहतर प्रदर्शन करता है, तो उस स्कोर का उपयोग किया जाएगा. अन्यथा जेईई मेन के पहले सत्र का उच्च स्कोर गिना जाएगा. यदि आपको लगता है कि जेईई मेन के पहले सत्र में आपका प्रदर्शन आपके इच्छित कॉलेज के लिए पर्याप्त था और आप इससे पूरी तरह संतुष्ट हैं, तो आप दूसरे सत्र में भाग न लेने का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि कम्पटीशन को देखते हुए जेईई मेन के दोनों सत्रों में भाग लेना ही उचित है. इससे न सिर्फ स्कोर बढ़ सकता है बल्कि दबाव में कमी आने के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ता है.
दूसरे सत्र से अधिक अवसर
दूसरे सत्र में भाग लेने से अधिक अवसर मिल सकते हैं, भले ही आपने पहले प्रयास में अच्छा प्रदर्शन किया हो. इसके विपरीत, यदि आप अपने पहले सत्र के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं, तो आप दूसरे प्रयास के अतिरिक्त स्ट्रेस के बिना जेईई मेन की अगली तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.