भारतीय पुरुष कंपाउंड टीम ने तीरंदाजी विश्व कप में जीता गोल्ड

पिछले महीने ही विश्व कप में डेब्यू करने वाले मोहन भारद्वाज ने विश्व कप व्यक्तिगत में मौजूदा विश्व चैंपियन निको विएनर को हराकर रजत पदक जीता.

भारतीय पुरुष कंपाउंड टीम ने तीरंदाजी विश्व कप में जीता गोल्ड

भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने जीता स्वर्ण पदक

नई दिल्ली:

भारतीय पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी टीम (Indian Team) ने शनिवार को दक्षिण कोरिया के ग्वांगझू में खेले जा रहे फाइनल में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए फ्रांस को दो अंक से पछाड़कर विश्व कप चरण में लगातार स्वर्ण पदक जीता. वहीं, मोहन भारद्वाज (Mohan Bhardwaj) ने भी विश्व कप व्यक्तिगत में रजत पदक जीतने के दौरान मौजूदा विश्व चैंपियन निको विएनर को हराकर उलटफेर करते हुए सुर्खियां बटोरी. इस तरह भारतीय कम्पाउंड तीरंदाजों ने टूर्नामेंट (Archery World Cup) में अपने रिकर्व साथियों से कहीं बेहतर प्रदर्शन दिखाया. ओलंपिक में शामिल रिकर्व स्पर्धा में भारतीय तीरंदाजों ने अपना अभियान एक दिन पहले एकमात्र कांस्य पदक (महिला टीम स्पर्धा में) से समाप्त किया था.

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लेकिन कम्पाउंड स्पर्धा में भारत ने शनिवार को एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीतकर विश्व कप चरण दो में अपना अभियान पांच पदक से समाप्त किया. कम्पाउंड वर्ग में एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य से कुल चार पदक मिले जिससे उन्होंने टॉप्स (TOPS) समर्थित रिकर्व तीरंदाजों की तुलना में दबदबे भरा प्रदर्शन किया.

भारत ने दिन की शुरुआत पुरुष कंपाउंड टीम की शानदार वापसी से की, जिसमें उन्होंने फ्रांस को 232-230 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता. यह फाइनल विश्व कप के पहले चरण के फाइनल का दोहराव रहा. अभिषेक वर्मा, अमन सैनी और रजत चौहान की चौथी वरीय तिकड़ी पहले दो दौर में छठी वरीयता प्राप्त प्रतिद्वंद्वी से पिछड़ रही थी.

लेकिन तीसरे दौर में भारतीय तिकड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फ्रांस के एड्रियन गोंटियर, जीन फिलिप बलूच और केंटिन बराएर को 232-230 से शिकस्त देकर विश्व कप के दूसरे चरण में स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला. अप्रैल में अंताल्या में हुए पिछले विश्व कप फाइनल में इसी भारतीय तिकड़ी ने फ्रांस को एक अंक से पराजित किया था.


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अभिषेक वर्मा ने कहा, "यह हमारा इस सत्र में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है. हम तुर्की में सर्वश्रेष्ठ थे और हमने फिर इसे साबित किया. हम खुश हैं."

रजत चौहान ने कहा, "हम फ्रांस की रणनीति जानते और उनकी क्षमता से भी वाकिफ थे. तीसरे दौर के बाद हमने अपनी रणनीति में बदलाव किया और इससे मदद मिली."

भारतीय स्टार कम्पाउंड तीरंदाज अभिषेक वर्मा ने फिर दूसरा पदक अपने नाम किया. उन्होंने अवनीत कौर के साथ मिलकर मिश्रित टीम स्पर्धा में अपने से ऊंची वरीय तुर्की की अमीरकान हाने और आयसे बेरा सुजेर की जोड़ी को 156-155 से हराकर कांस्य पदक जीता.

वहीं अवनीत कौर के लिए यह उनका दूसरा कांस्य पदक था जिन्होंने इससे पहले महिला स्पर्धा में टीम कांस्य पदक जीता था. विश्व रैंकिंग में 223वें नंबर पर काबिज मोहन भारद्वाज ने पिछले महीने ही विश्व कप में डेब्यू किया था. उन्होंने दुनिया के सातवें नंबर के ऑस्ट्रियाई प्रतिद्वंद्वी को सेमीफाइनल में 143-141 से हराकर उलटफेर किया और अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की.


उत्तराखंड के इस तीरंदाज का स्वप्निल सफर फाइनल में नीदरलैंड के दुनिया के नंबर एक माइक श्लोसर ने 149-141 की जीत से समाप्त किया. इस तरह भारतीय तीरंदाज ने रजत पदक जीता. यह मोहन भारद्वाज का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला व्यक्तिगत पदक था. उन्होंने बैंकाक एशियाई चैम्पियनशिप 2019 में पहला अंतरराष्ट्रीय टीम पदक रजत के रूप में हासिल किया था.

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भारद्वाज को 42वीं वरीयता मिली थी, उन्होंने पहले दो दौर में ऑस्ट्रेलिया के दो तीरंदाजों को शिकस्त दी. उन्होंने पहले पैट्रिक कोगलहान को 146-144 से और स्कॉट ब्राइस को 146-143 से पराजित किया.

फिर स्लोवाकिया के दुनिया के 12वें नंबर के जोजफ बोसांस्की (46 वर्षीय) मोहन भारद्वाज का शिकार बने जिसमें उन्होंने 149-145 से जीत दर्ज की. इसके बाद भारद्वाज ने स्थानीय प्रबल दावेदार यांग जाएवोन को 147-140 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई.

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