दिल्ली के गुरुद्वारों ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पाबंदी लगा दी है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी ने न सिर्फ परिसर के भीतर बल्कि बाहर लगने वाले लंगर में भी इसके प्रयोग पर पाबंदी लगाई है. इससे नए तौर पर प्रयोग में आने वाली प्लेट और गिलास जैसी चीज़ों पर सालाना खर्च छह करोड़ के आसपास बढ़ जाएगा.
दिल्ली के गुरुद्वारे अब सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त हैं. प्रसाद से लेकर लंगर तक सब जगह लीफ की प्लेट, कागज़ के कप और लकड़ी की चम्मच उपयोग की जाने लगी हैं. अब प्रसाद का कागज़ का दोना भी लीफ का होने वाला है.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के प्रेसिडेंट मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने इसको बैन करने की बात कही और सबसे पहले हमने इसको बंगला साहिब गुरुद्वारा में बैन किया और आज दिल्ली के सभी गुरुद्वारों में इसको बैन कर चुके हैं. थर्मोकोल के प्लेट ग्लास खत्म करने से बजट का करोड़ों में इजाफा होगा. वे कहते हैं कि पर्यावरण के लिए पैसा कोई मायने नहीं रखता.
परचेज विभाग के चेयरमैन रमिंदर सिंह स्वीटा कहते हैं कि 10-12 कॉलेज हैं जिसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज भी हैं. 18-20 गुरुद्वारे हैं. 14-15 स्कूल हैं. सभी में प्लास्टिक बैन है. लगभग 5-6 करोड़ एक्स्ट्रा बढ़ेगा.
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