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This Article is From Dec 10, 2020

Year Ender 2020: शिक्षा, परीक्षा और नौकरियों पर कोरोना के कहर के लिए याद आएगा यह साल

Year Ender 2020: आइए आपको बताते हैं कोरोनावायरस ने शिक्षा, परीक्षा और नौकरियों पर कैसा असर डाला है. 

Year Ender 2020: शिक्षा, परीक्षा और नौकरियों पर कोरोना के कहर के लिए याद आएगा यह साल
Year Ender 2020: शिक्षा, परीक्षा और नौकरियों पर कोरोना के कहर के लिए याद आएगा यह साल.
नई दिल्ली:

Year Ender 2020: कोरोनावायरस के काले साय ने दुनियाभर के लोगों की जिंदगियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. स्कूली बच्चों से लेकर नौकरी पेशा लोगों तक कोरोना ने हर किसी को अपनी चपेट में लिया. कोरोनावायरस की दस्तक के साथ ही दुनियाभर में एक ओर जहां वर्क कल्चर पूरी तरह बदल गया, तो वहीं कोरोनाकाल में छात्रों को शिक्षा देने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन का नया ट्रेंड शुरू हुआ. स्कूल से लेकर कॉलेज तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेस शुरू की गईं. यहां तक की परीक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित की जाने लगीं. आइए आपको बताते हैं कोरोनावायरस ने शिक्षा, परीक्षा और नौकरियों पर कैसा असर डाला है. 

शिक्षा पर ऐसा पड़ा कोरोनावायरस का असर
मार्च 2020 में जब देशभर में संपूर्ण लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए, तो छात्र और अभिभावकों के मन में यही सवाल था कि उनकी पढ़ाई कैसे होगी. स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद होने की वजह से छात्रों की पढ़ाई का बेहद नुकसान हुआ, जिसके चलते सरकार ने छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देने का फैसला किया.

सभी स्कूल और कॉलेजों ने छात्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पढ़ाना शुरू किया. हालांकि, शहरों से दूर गांवों के छात्रों को खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी या स्मार्टफोन न होने के कारण क्लासेस लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पढ़ा. इस समस्या को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने छात्रों के लिए दूरदर्शन, रेडियो के माध्यम से भी शिक्षा देने का प्रयास किया. छात्रों के लिए यूट्यूब पर भी वीडियो अपलोड करके उन्हें पढ़ाया गया और अभी तक ये प्रयास जारी हैं. 

परीक्षाओं पर दिखा कोरोना का साया
कोरोनाकाल में जब सभी शिक्षण संस्थान बंद हो गए तो ऐसे में छात्रों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करना एक बड़ी चुनौती बन गया. कोरोना के कहर के चलते सीबीएसई (CBSE) और सीआईएससीई (CISCE) बोर्ड से लेकर देशभर के कई राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं को बीच में ही रोकना पड़ा. इसके बाद सीबीएसई और सीआईएससीई (CISCE) समेत देश के कई बड़े बोर्ड ने बिना परीक्षा पूरी किए ही इंटरनल असेसमेंट के आधार पर 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के नतीजे जारी किए. इसके अलावा हरियाणा ने भी 10वीं की विज्ञान की परीक्षा के बिना ही रिजल्‍ट जारी करने का ऐलान किया. महाराष्‍ट्र बोर्ड ने भी 10वीं की बची हुई भूगोल की परीक्षा को रद्द कर दिया था.

जेईई और नीट परीक्षा कोरोना की वजह से हुईं स्थगित
देश की सबसे बड़ी एंट्रेंस परीक्षा में शुमार नीट (NEET) और जेईई (JEE) की परीक्षाओं पर भी कोरोना का कहर दिखाई दिया. कोरोना के बीच जेईई और नीट परीक्षा के आयोजन को लेकर खूब विरोध देखने को मिला. कई छात्रों समेत राजनीतिक पार्टियों ने भी परीक्षा को स्थगित करने की मांग की और जमकर विरोध प्रदर्शन किए. छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए नीट और जेईई दोनों ही परीक्षाओं को कई बार स्थगित किया गया. हालांकि, पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए 1 से 6 सितंबर के बीच तमाम विरोधों के बीच जेईई की परीक्षा आयोजित की गई और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को कराई गई. वहीं, दिल्ली विश्वाद्यालय समेत कई विश्वाद्यालयों ने ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित कीं. 

नौकरियों पर कोरोना का कहर
कोरोनावायरस ने नौकरियों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. कोरोना के चलते दुनियाभर के करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई. भारत में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकनॉमी यानी सीएमआईई (CMIE) ने कहा है कि जुलाई के महीने में करीब 50 लाख लोगों की नौकरी गई थी, जिसके चलते कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से नौकरी गंवाने वालों की संख्या 1.89 करोड़ तक पहुंच गई थी. जून में अनलॉक की प्रक्रिया के साथ ही नौकरियां में कुछ रिकवरी दिखने लगी थी, लेकिन लोकल लेवल पर लगने वाले छोटे-छोटे लॉकडाउन की वजह से जुलाई में नौकरियों में फिर से गिरावट देखने को मिली. 

कोरोना में शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम का कल्चर
इस साल कोरोनावायरस के कारण वर्क कल्चर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला.  इस साल देश- विदेश की ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम शुरू किया. भारत की अधिकतर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दी है. इन कंपनियों में पेप्सिको, आईटीसी, टाटा मोटर्स, मोंड्लेज, एमवे और फ्लिपकार्ट आदि शामिल हैं.

वहीं, चीन में जब कोविड 19 महामारी के फैलने की खबरें आई थीं, तभी फेसबुक ने वैश्विक महामारी के खतरे की आशंका के चलते अपने कुछ कर्मचारियों को लंबे समय के लिए वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत देने की पहल कर दी थी. इसके बाद जैसे जैसे महामारी विकराल होती चली गई, फेसबुक के ज़्यादातर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करने लगे और अब भारत समेत दुनियाभर की अधिकतर कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत दे रही हैं.

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