New Rules for Teachers: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत कई नियमों में बदलाव किए गए हैं. ये बदलाव बच्चों की पढ़ाई, पैटर्न के साथ-साथ शिक्षक बनने की पात्रता से जुड़े हुए हैं. एनईपी के तहत अब 12वीं कक्षा के बच्चों को भी पढ़ाने के लिए टीईटी यानी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट को पास करना अनिवार्य होगा. अभी तक आठवीं कक्षा तक शिक्षक बनने के लिए ही टीईटी जरूरी होता था. चाहे आप केंद्र सरकार के किसी स्कूल में पढ़ाएं या फिर राज्य सरकार के स्कूल में, कक्षा 8वीं तक पढ़ाने के लिए टीईटी जरूरी होता था. लेकिन अब से इसे नौंवी से लेकर 12वीं कक्षा तक लागू किया जाएगा.
जैसा कि आप जानते हैं कि सेंट्रल लेवल पर शिक्षकों की पात्रता के लिए सीटीईटी यानी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) आयोजित की जाती है. सीटीईटी स्कोर उम्र भर के लिए मान्य होता है. सीटीईटी की तर्ज पर टीईटी को भी उम्र भर के लिए मान्य करने की योजना है.
बता दें कि देश के कई राज्यों में अभी भी टीईटी परीक्षा का पेपर एक पहली कक्षा से पांचवी तक और दूसरा पेपर छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए होता है. लेकिन जल्द ही 12वीं कक्षा तक टीईटी का नियम सभी राज्यों में लागू किया जाएगा.
इन राज्यों में है लागू
हरियाणा, केरल, ओडिशा सहित तीन अन्य राज्य सरकार ने टीईटी नियमों में बदलाव किया है. इन राज्यों में एसटीईटी यानी प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 12वीं कक्षा तक के लिए लागू कर दी गई है. जल्द ही 12वीं कक्षा तक टीईटी का नियम सभी राज्यों में लागू किया जाएगा.
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