महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घर जाकर छात्रों को पढ़ा रहे हैं शिक्षक

कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान स्कूलों के बंद होने और ऑनलाइन कक्षाएं लेने में सक्षम ना होने वाले बच्चों की पढ़ाई किसी भी तरह बाधित ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र के 72 नगर निगम स्कूलों के करीब 200 शिक्षक छात्रों के घर जाकर उन्हें पढ़ा रहे हैं.

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घर जाकर छात्रों को पढ़ा रहे हैं शिक्षक

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में घर जाकर छात्रों को पढ़ा रहे हैं शिक्षक

नई दिल्ली:

कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान स्कूलों के बंद होने और ऑनलाइन कक्षाएं लेने में सक्षम ना होने वाले बच्चों की पढ़ाई किसी भी तरह बाधित ना हो यह सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र के 72 नगर निगम स्कूलों के करीब 200 शिक्षक छात्रों के घर जाकर उन्हें पढ़ा रहे हैं. अधिकारी ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस पहल के तहत, औरंगाबाद नगर निगम के उर्दू और मराठी माध्यम के स्कूल के शिक्षक छात्रों के घर जाकर उन्हें पढ़ा रहे हैं.

संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एहितियाती तौर पर स्कूल बंद हैं. कई छात्रों के पास ऑनलाइन कक्षाएं लेने के लिए मोबाइल फोन या अन्य साधन नहीं है, जिसके मद्देनजर छात्रों के पढ़ाई छोड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया था.

अधिकारियों ने बताया कि इस समस्या को देखते हुए औरंगाबाद नगर निगम ने इन छात्रों के घरों तक जाकर उन्हें पढ़ाए जाने की योजना बनाई. गरखेड़ा उर्दू स्कूल की शिक्षिका हुमेरा अंजुम ने कहा, ‘‘पिछले साल कोविड-19 के कहर के बाद, हमने अपने छात्रों के लिए कुछ कार्यपुस्तिका छपवाई और उन तक पहुंचने तथा उनकी कक्षाएं लेने की कोशिश की। इस साल, इस पहल को सभी नगर निगम स्कूलों में शुरू किया गया. ''

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पहली और दूसरी कक्षाएं के 40 बच्चों को एक दिन छोड़कर एक दिन पढ़ाने जाती हूं। हम कहीं भी बैठ जाते हैं.... किसी भी जगह और बच्चों को पढ़ाते हैं.'' अंजुम ने कहा कि अभी तक वे यह सुनिश्चित करने में सफल रहे हैं कि कोई भी छात्र पढाई ना छोड़े.

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे स्कूल के किसी भी छात्र ने पढ़ाई नहीं छोड़ी है, क्योंकि हम सभी के सम्पर्क में हैं. अभी हमें, पाठ्यक्रम की कोई चिंता नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित करते हैं कि बच्चे पढ़ाई करें और अपना गृह-कार्य पूरा करें''

शहर स्थित ‘प्रियदर्शिनी स्कूल' के प्रधानाध्यापक संजीव सोनर ने कहा कि घर जाकर बच्चों को पढ़ाने से उनके माता-पिता की भी बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ गई है.

उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत बच्चों के पास अपने मोबाइल फोन नहीं है, इसलिए वे ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले सकते। सोनर ने कहा, ‘‘ इसलिए छात्रों के घर जाने की हमारी पहल से, हम यह सुनिश्चित कर पा रहे हैं कि वे शिक्षा से वंचित ना रहें.'' नगर निगम के शिक्षा अधिकारी रामनाथ थोर ने बताया कि अभी 72 स्कूलों के करीब 200 शिक्षक छात्रों को घर जाकर पढ़ा रहे हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)