मदुरै:
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने व्यवस्था दी कि केवल इस आधार पर एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि रोजगार के अवसर कम हैं और कैंपस इंटरव्यू के दौरान कड़़ा कॉम्पीटीशन है।
न्यायमूर्ति के रवीचंद्रन बाबू ने बी तमिलसेल्वन की याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता ने भारतीय स्टेट बैंक की नारायणपुरम शाखा के प्रबंधक के उस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया था जिसके तहत उनके बेटे की लोन एप्लीकेशन नामंजूर कर दिया गया था।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘बैंक को तब सही नहीं ठहराया जा सकता जब वह वजह बताता है कि छात्र के रोजगार के अवसर नहीं हैं और नौकरियों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है।’’ याचिकाकर्ता का बेटा इस जिले के एक निजी कालेज से बीई सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स कर रहा है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक की इस शाखा से 3.10 लाख रुपये का कर्ज मांगा था।
न्यायमूर्ति के रवीचंद्रन बाबू ने बी तमिलसेल्वन की याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता ने भारतीय स्टेट बैंक की नारायणपुरम शाखा के प्रबंधक के उस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया था जिसके तहत उनके बेटे की लोन एप्लीकेशन नामंजूर कर दिया गया था।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘बैंक को तब सही नहीं ठहराया जा सकता जब वह वजह बताता है कि छात्र के रोजगार के अवसर नहीं हैं और नौकरियों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है।’’ याचिकाकर्ता का बेटा इस जिले के एक निजी कालेज से बीई सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स कर रहा है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक की इस शाखा से 3.10 लाख रुपये का कर्ज मांगा था।
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