पर्यावरण और ईंधन बचाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के सीहोर के श्री सत्य साई विश्वविद्यालय (Sri Sathya Sai University) के प्रोफेसर और छात्रों ने मिलकर एक बेहतरीन अविष्कार किया है. विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने ऐसी कार का निर्माण किया है, जो सौर ऊर्जा (Solar Energy) से चलती है. भविष्य में अच्छे वर्यावरण और अधिक हरियाली के उद्देश्य से विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने सौर ऊर्जा से चलने वाली इस कार को बनाया है.
सौर कार की खूबियां
इस कार में एक समय में चार यात्री सफर कर सकते हैं और यह कार 80 किमी की गति से चल सकती है. इसी के साथ यह कार एक बार चार्ज होने पर 200 किमी तक का सफर तय कर सकती है. सौर कार बनाने की शुरुआती लागत लगभग 80,000 रुपये रही है. खास बात यह है कि अगर मौसम में बदलाव होने की वजह से बैटरी सौर ऊर्जा से चार्ज नहीं हो पाती है, तो इसे बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है.
सौर कार के बारे में बात करते हुए, डॉ. निलेश दिवाकर, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन ने कहा, "मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के हमारे अंतिम वर्ष के छात्रों ने इस सौर कार को विकसित किया है. इस कार की विशेषता है कि यह शून्य उत्सर्जन कार है और कार की छत पर सौर पैनल लगाये गये हैं. यह कार सौर ऊर्जा को परिवर्तित करती है, जिससे कार की मोटर को चलाने वाली बैटरी को ईंधन मिलता है."
डॉ. मुकेश तिवारी, कुलपति ने कहा, "इस कार को बनाने में 70 से 80000 का खर्च आता है, लेकिन अगर हम इसे बड़े पैमाने पर बनाते हैं, तो इसकी कीमत 42 से 45000 रुपये होगी. हम इसका पेटेंट कराएंगे, यदि उद्योग इसको लेना चाहते हैं तो उत्पादन में भी वृद्धि होगी.
उन्होंने आगे बताया, "अब छात्र कार की बॉडी को सौर फिल्म से लपेटने की तकनीक पर काम कर रहे हैं, ताकी इसकी क्षमता को और बढ़ाया जा सके."
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