देश की कई लीडिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने इस साल टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) की किसी भी रैंकिंग में भाग ना लेने का फैसला किया है, क्योंकि वे इस प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर संतुष्ट नहीं हैं. इन सात संस्थानों में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी रुड़की शामिल हैं. एक ऑफिशियल रिलीज में इस बात की जानकारी दी गई है.
रिलीज में बताया गया है कि ये निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि टाइम्स हायर एजुकेशन आईआईटी को अपनी रैंकिंग प्रक्रिया के पैरामीटर्स और ट्रान्सपेरेंसी को समझाने में कामयाब नहीं हो पाया है. इसमें आगे बताया गया, " यदि टाइम्स हायर एजुकेशन उन्हें अपनी रैंकिंग में मापदंडों और पारदर्शिता के बारे में समझाने में सक्षम रहता है तो ये आईआईटी अगले साल अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे."
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में कुछ नए आईआईटी को उच्च स्थान दिया गया है, जिसके बाद आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मद्रास जैसे प्रमुख आईआईटी ने रैंकिंग से हटने का फैसला किया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "सात आईआईटी इस साल रैंकिंग में शामिल नहीं होंगे. अगर टाइम्स हायर एजुकेशन उन्हें रैंकिंग प्रक्रिया में मानकों तथा पारदर्शिता को लेकर भरोसा दिला पाया तो वे अगले साल फैसले पर पुनर्विचार करेंगे."
टीएचई और क्यूएस (क्वाकक्वारेल साइमंड्स) उच्च शिक्षण संस्थानों के दुनिया के दो सबसे प्रतिष्ठित सर्वेक्षण हैं, जो लंदन से संचालित होते हैं. पिछले साल टीएचई- विश्व विश्वविद्यालय वरीयता सूची में दुनिया के शीर्ष 300 विश्वविद्यालयों में कोई भारतीय संस्थान नहीं था. 2012 में दुनिया के शीर्ष 300 संस्थानों में एकमात्र भारतीय संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) था, जो बाद में 301-350 के समूह में पहुंच गया.
लंदन में स्थित टाइम्स हायर एजुकेशन पत्रिका इस सूची को जारी करती है जिसमें किसी संस्थान के शिक्षण, अनुसंधान, ज्ञानांतरण और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण आदि को लेकर उसके कामकाज को 13 मानदंडों पर मापा जाता है.
इनपुट: भाषा
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