QS World University Rankings 2023: क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारत के 41 यूनिवर्सिटी, ISS बेंगलुरु भारतीय संस्थानों में अग्रणी

QS World University Rankings 2023: लंदन स्थित वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषक क्वाक्वेरेली साइमंड्स ने बृहस्पतिवार को दुनिया के सबसे अधिक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों को दक्षिण एशिया (South Asia) का सबसे तेजी से उभरता हुआ विश्वविद्यालय बताया गया है.

QS World University Rankings 2023: क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारत के 41 यूनिवर्सिटी,  ISS बेंगलुरु भारतीय संस्थानों में अग्रणी

QS World University Rankings 2023: दुनिया के टॉप  200 यूनिवर्सिटी में भारत के 4 आईआईटी

नई दिल्ली:

QS World University Rankings 2023: लंदन स्थित वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषक क्वाक्वेरेली साइमंड्स (Quacquarelli Symonds (QS) ने बृहस्पतिवार को दुनिया के सबसे अधिक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों (world's most prestigious international universities) की रैंकिंग जारी की, जिसमें बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science) को दक्षिण एशिया (South Asia) का सबसे तेजी से उभरता हुआ विश्वविद्यालय बताया गया है.
क्यूएस (QS) की ओर से जारी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भारत के चार आईआईटी संस्थानों ने भी दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों की सूची में जगह बनाई है.

क्यूएस रैंकिंग की इस सूची में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी)-बॉम्बे ने पांच पायदान की छलांग लगाते हुए 172वां स्थान हासिल किया है. आईआईटी-बॉम्बे को भारत का दूसरा सबसे अच्छा संस्थान बताया गया है जबकि आईआईटी- दिल्ली ने 11 स्थान ऊपर चढ़कर 174वां स्थान हासिल किया है.

आईआईटी-कानपुर ने 13 पायदान ऊपर चढ़कर इस रैंकिंग के इतिहास में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ 264वां स्थान हासिल किया है. जबकि आईआईटी-रुड़की 31 स्थानों की छलांग लगाते हुए अपने उच्चतम रैंक (369) पर पहुंच गया है. क्यूएस रैंकिंग की इस सूची में आईआईटी-इंदौर को 396वां स्थान मिला है.

रैंकिंग के अनुसार ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी लगातार तीसरे साल क्यूएस की इस सूची में सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाला निजी विश्वविद्यालय है. कुल 41 भारतीय विश्वविद्यालयों ने क्यूएस रैंकिंग की सूची में स्थान प्राप्त किया है, जिनमें 12 के रैंक में सुधार हुआ है, 12 की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ, 10 संस्थानों के रैंक में गिरावट आई, जबकि देश के सात विश्वविद्यालय पहली बार इस सूची में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं.

रैंकिंग के अनुसार, 13 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अन्य वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने शोध प्रभाव में सुधार किया है. वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों की क्यूएस रैंकिंग में गिरावट आई है.

दिल्ली विश्वविद्यालय को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 521-530 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 501-510 स्थान की श्रेणी में रखा गया था.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 601-650 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 561-570 स्थान की श्रेणी में रखा गया था.

जामिया मिलिया इस्लामिया को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 801-1000 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 751-800 स्थान की श्रेणी में रखा गया था.

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इसके अलावा जामिया हमदर्द को 1201-1400 स्थान की श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा हैदराबाद विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और आईआईटी- भुवनेश्वर की रैंकिंग में भी गिरावट दर्ज की गई है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)