प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bhartiya Divas 2019) के लिए इस बार वाराणसी (Varanasi) में बेहद खास आयोजन किया गया है. सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत अन्य बड़े नेताओं की मौजूदगी में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह की शुरुआत हुई. प्रवासी भारतीय दिवस समारोह वाराणसी में 21 से 23 जनवरी तक चलेगा. ये प्रवासी भारतीय दिवस का 15वां (15th Pravasi Bhartiya Divas) आयोजन है, इससे पहले प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bhartiya Divas) का आयोजन 9 जनवरी को या उसके आस-पास होता आया था. प्रवासी भारतीय दिवस का मकसद भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को पहचान दिलाने से है. प्रवासी दिवस की शुरुआत 2003 से हुई थी. इस मौके पर हर साल भारत सरकार अमूमन तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करती है.
इस सम्मेलन में विदेश में रह रहे उन भारतीयों को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाता है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल कर भारत का नाम विश्व पटल पर गौरवान्वित किया हो. देश का नाम रौशन करने वाले ऐसे लोगों को राष्ट्रपति के हाथों प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा जाता है. इसके अलावा इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों से जुड़े मामलों और समस्याओं पर भी विचार किया जाता है.
इस वजह से 9 जनवरी को मनाया जाता है प्रवासी भारीतय दिवस (Pravasi Bhartiya Divas)
महात्मा गांधी 9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस लौटे थे. महात्मा गांधी को सबसे बड़ा प्रवासी माना जाता है जिन्होंने न सिर्फ भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया बल्कि भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया.
प्रवासी भारतीय दिवस का उद्देश्य
- अप्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच, भावना की अभिव्यक्ति, देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना.
- विश्व के सभी देशों में अप्रवासी भारतीयों का नेटवर्क बनाना.
- युवा पीढ़ी को अप्रवासियों से जोड़ना.
- विदेशों में रह रहे भारतीय श्रमजीवियों की कठिनाइयां जानना तथा उन्हें दूर करने की कोशिश करना.
- भारत के प्रति अनिवासियों को आकर्षित करना.
- निवेश के अवसर को बढ़ाना.
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