नई दिल्ली:
उत्तराखंड के मेडिकल कालेजों और डेंटल कालेजों में छात्रों को इस बार प्रवेश राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) के जरिये दिया जायेगा और इसके लिये राज्य स्तर पर कोई प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। यहां राज्य सचिवालय में प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, ओमप्रकाश ने संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुए यह भी कहा कि उत्तराखंड में 12 वीं तक की शिक्षा का पाठ्यक्रम सीबीएसई के पैटर्न पर ही आधारित है, इसलिये छात्रों को नीट पास करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में बैठने वाले उत्तराखंड के छात्रों की भी अन्य जगह के छात्रों की तरह अखिल भारतीय रैंकिंग बनेगी लेकिन राज्य कोटा के तहत उन्हें राज्य के मेडिकल कालेजों में प्रवेश मिल सकेगा।
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने कहा कि राज्य के मेडिकल कालेजों में 85 प्रतिशत सीटें और डेंटल कालेजों में 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे की हैं जबकि बाकी सीटें अखिल भारतीय कोटा के आधार पर भरी जायेंगी। उन्होंने बताया कि राज्य कोटे की श्रीनगर और हल्द्वानी मेडिकल कालेजों में 85-85 तथा जौलीग्रांट स्थित हिमालय इंस्टीटयूट और महंत इंद्रेश अस्पताल में 25-25 सीटें यानी कुल मिलाकर एमबीबीएस की 215 सीटें हैं जबकि सीमा डेंटल कालेज और उत्तराखंड डेंटल कालेज में 50-50 सीटें यानी बीडीएस की कुल 100 सीटें हैं।
ओमप्रकाश ने कहा कि इस साल से देहरादून मेडिकल कालेज के भी शुरू होने की उम्मीद है और उसके शुरू होने की स्थिति में राज्य कोटे में एमबीबीएस की 127 सीटें और मिल सकती हैं। यह पूछे जाने पर कि उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी द्वारा प्री मेडिकल टेस्ट के लिये छात्रों से पहले ही लिये जा चुके शुल्क का क्या होगा, प्रमुख सचिव ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर आनलाइन प्रक्रिया के जरिये छात्रों को उनका शुल्क वापस कर दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में बैठने वाले उत्तराखंड के छात्रों की भी अन्य जगह के छात्रों की तरह अखिल भारतीय रैंकिंग बनेगी लेकिन राज्य कोटा के तहत उन्हें राज्य के मेडिकल कालेजों में प्रवेश मिल सकेगा।
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने कहा कि राज्य के मेडिकल कालेजों में 85 प्रतिशत सीटें और डेंटल कालेजों में 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे की हैं जबकि बाकी सीटें अखिल भारतीय कोटा के आधार पर भरी जायेंगी। उन्होंने बताया कि राज्य कोटे की श्रीनगर और हल्द्वानी मेडिकल कालेजों में 85-85 तथा जौलीग्रांट स्थित हिमालय इंस्टीटयूट और महंत इंद्रेश अस्पताल में 25-25 सीटें यानी कुल मिलाकर एमबीबीएस की 215 सीटें हैं जबकि सीमा डेंटल कालेज और उत्तराखंड डेंटल कालेज में 50-50 सीटें यानी बीडीएस की कुल 100 सीटें हैं।
ओमप्रकाश ने कहा कि इस साल से देहरादून मेडिकल कालेज के भी शुरू होने की उम्मीद है और उसके शुरू होने की स्थिति में राज्य कोटे में एमबीबीएस की 127 सीटें और मिल सकती हैं। यह पूछे जाने पर कि उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी द्वारा प्री मेडिकल टेस्ट के लिये छात्रों से पहले ही लिये जा चुके शुल्क का क्या होगा, प्रमुख सचिव ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर आनलाइन प्रक्रिया के जरिये छात्रों को उनका शुल्क वापस कर दिया जायेगा।
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