नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों से 20 से अधिक विद्यार्थियों ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास किया है। उन्हें पिछड़े गांवों के बच्चों के लिए सरकार की ओर से चलाये जा रहे कार्यक्रम के तहत पढ़ाया गया था।
मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा आयुक्त.सचिव उमाकांत उमराव ने कहा, 300 से अधिक विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे और 21 एडवांस परीक्षा में चयनित हुए। धौदा के उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य विवेक तिवारी ने कहा, छू लो आसमान कार्यक्रम के तहत शहर के विद्यालयों के अनुभवी शिक्षकों के वीडियो लेक्चर के माध्यम से विशेष कक्षाएं लगी और टेलीविजन कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए हमने उन्हें पढ़ाया। इस विद्यालय से एक विद्यार्थी आईआईटी एडवांस परीक्षा में चयनित हुआ।
इन विद्यार्थियों के लिए नियमित कक्षाओं के अलावा विशेष रात्रि कक्षाएं भी लगायी गयी। ये स्कूल मध्यप्रदेश के सभी जनजातीय पिछड़े क्षेत्रों में हैं।
बैतूल जिले के जिलाधिकारी बी ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा, यह हमारे लिए गौरव का क्षण है और हम बहुत खुश हैं कि समाज के पिछड़े वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों को उचित मंच मिल रहा है और वे अपने सपने पूरे कर पा रहे हैं। बैतूल जिले के जनजातीय विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को रहने खाने के अलावा पढ़ाई लिखाई और कोचिंग दी जाती है। ये विद्यार्थी जनजातिय होते है। और वे बहुत ही सामान्य वर्ग से आते हैं। उनमें से कई ऐसे हैं जिनके पास आईआईटी के परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए पैसे तक नहीं होते।
मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा आयुक्त.सचिव उमाकांत उमराव ने कहा, 300 से अधिक विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे और 21 एडवांस परीक्षा में चयनित हुए। धौदा के उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य विवेक तिवारी ने कहा, छू लो आसमान कार्यक्रम के तहत शहर के विद्यालयों के अनुभवी शिक्षकों के वीडियो लेक्चर के माध्यम से विशेष कक्षाएं लगी और टेलीविजन कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए हमने उन्हें पढ़ाया। इस विद्यालय से एक विद्यार्थी आईआईटी एडवांस परीक्षा में चयनित हुआ।
इन विद्यार्थियों के लिए नियमित कक्षाओं के अलावा विशेष रात्रि कक्षाएं भी लगायी गयी। ये स्कूल मध्यप्रदेश के सभी जनजातीय पिछड़े क्षेत्रों में हैं।
बैतूल जिले के जिलाधिकारी बी ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा, यह हमारे लिए गौरव का क्षण है और हम बहुत खुश हैं कि समाज के पिछड़े वर्गों के मेधावी विद्यार्थियों को उचित मंच मिल रहा है और वे अपने सपने पूरे कर पा रहे हैं। बैतूल जिले के जनजातीय विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को रहने खाने के अलावा पढ़ाई लिखाई और कोचिंग दी जाती है। ये विद्यार्थी जनजातिय होते है। और वे बहुत ही सामान्य वर्ग से आते हैं। उनमें से कई ऐसे हैं जिनके पास आईआईटी के परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए पैसे तक नहीं होते।
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