दिनोदिन एडवांस होती टेक्नोलॉजी ने जिंदगी को तो आसान बनाया है पर कुछ नौकरियों को भी इसने खत्म किया है. याद कीजिए कि आपने आखिरी बार कब किसी पीसीओ से कॉल किया था? या किसी रिसेप्शनिस्ट से दूर बैठे अपने रिश्तेदार को कॉल मिलाने के लिए कहा था? और कब किसी लिफ्टमैन को अपना फ्लोर बताया था. कुल मिलाकर इस माहौल में मैनपावर की जगह मशीनों ने ले ली है. हम भी पूरी तरह से टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गए हैं. अब जितनी तेजी के साथ टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले करीब दस सालों में कुछ और नौकरियां खत्म होने जा रही हैं. यहां हम ऐसी ही कुछ नौकरियों पर नजर डालते हैं जिन पर लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है.
लाइब्रेरियन
अब लोग अपने स्मार्टफोन और टैबलेट में किताब पढ़ने लगे हैं. ई-बुक्स व ऑडियो बुक्स आसानी से उपलब्ध है. धीरे-धीरे इस रुझान को अपनाने वालों की संख्या में तेजी के साथ वृद्धि हो रही है. रोबोट्स किताब ढूंढ़ने में आपकी मदद करेगे. ऐसे में अब लाइब्रेरी में मैनपावर की पहले जितनी अहमियत नहीं रह गई है.
बीपीओ कर्मचारी
इस बात की भी चर्चा है कि बीपीओ/कॉल सेंटर इंडस्ट्री में ऑटोमेशन की वजह से बीपीओ कर्मियों की जरूरत कम होती जाएगी. हर कंपनी धीरे-धीरे चैटबॉट्स को अपनाएगी.
फायटर पायलट
निकट भविष्य में मानवरहित फायटर जेट्स का ज्यादा महत्व होगा.
पोस्टमैन
ईमेल, मैसेज, व्हाट्सएप और स्काइप जैसे तमाम एप ने एक जगह से दूसरी जगह संदेश पहुंचाना बेहद आसान बना दिया है. ऐसे में पोस्टमैन और कुरियर कंपनियों का काम होता जा रहा है.
पार्किंग लॉट अटेंडेंट
ऑटोमेशन की वजह से पार्किंग लॉट अटेंडेंट की नौकरी भी खत्म हो जाएगी. पार्किंग प्लाजा को ऑटोमेटिड बनाया जाएगा.
न्यूजपेपर ब्वॉयज
लोग अपन खबरें पढ़ने के लिए अपना मोबाइल उठाने लगे हैं. लोग अपने स्मार्टफोनों पर पहले ही सभी खबरें पढ़ लेते हैं. वीडियो व तस्वीरें देख लेते हैं. ऐसे में अगर न्यूजपेपर प्रचलन से खत्म हो रहे हैं तो घर पर न्यूजपेपर डिलीवर करने वाले ब्वॉय की नौकरी ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाली.
बस कंडक्टर
अब धीरे-धीरे बस में मशीन लगाने की तैयारी है. जो कि कंडक्टर का काम करेगी. इस बस में कंडक्टर की जरूरत नहीं होगी. लोग मशीन से टिकट प्राप्त कर लेंगे.
टोल प्लाजा ऑपरेटर
धीरे-धीरे यहां भी ऑटोमेशन आ रहा है. बहुत से लोग डिजिटल वॉलेट से पेमेंट कर देते हैं.
प्रिंट जर्नलिस्ट
ऑनलाइन खबरें पढ़ी जाने से अखबारों का काम मंदा होता चला जाएगा. ऐसे में प्रिंट मीडिया के पत्रकार की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है.
सेक्रेटरी
अब आपका स्मार्टफोन ही आपका पर्सनल सेक्रेटरी बनता जा रहा है. एक वक्त था जब बॉस को उसका काम याद दिलाने के लिए सेक्रेटरी होता या होती थी. लेकिन अब उसकी जगह तेजतर्रार स्मार्टफोनों ने ले ली है.