केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) ने कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते साल 2020-21 के लिए क्लास 9वीं से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रम (syllabuse) से लोकतांत्रिक अधिकार (Democratic rights), संघवाद (Federalism) और धर्मनिरपेक्षता (Secularism) जैसे अहम चैप्टर्स हटा दिए हैं. सीबीएसई के इन अहम चैप्टर्स को सिलेबस से हटाने के फैसले पर कई लोग हैरान हैं और इस फैसले को राजनीति से जोड़कर इसकी निंदा कर रहे हैं. इसी बीच, अब मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोशल मीडिया के जरिए सिलेबस की कटौती पर स्पष्टीकरण दिया है. HRD मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "CBSE Syllabus से कुछ विषयों के हटाने पर बहुत सारी टिप्पणी की गई हैं. इन टिप्पणियों के साथ समस्या यह है कि वे चुनिंदा विषयों को जोड़कर झूठी चीजों को फैलाने का कार्य करती हैं."
There has been a lot of uninformed commentary on the exclusion of some topics from #CBSESyllabus. The problem with these comments is that they resort to sensationalism by connecting topics selectively to portray a false narrative.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
मंत्री ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, "यह हमारा विनम्र निवेदन है. शिक्षा हमारे बच्चों के प्रति हमारा पवित्र कर्तव्य है. शिक्षा से राजनीति को दूर रखें और अपनी राजनीति को और अधिक शिक्षित बनाएं. "
It is our humble request: #Education is our sacred duty towards our children. Let us leave politics out of education and make our politics more educated. ????
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
मंत्री ने कहा, "सिलेबस को 30 फीसदी कम करने का उद्देश्य सिर्फ छात्रों के तनाव को कम करना है. यह अभ्यास विभिन्न विशेषज्ञों की सलाह और सिफारिशों और हमारे #SyllabusForStudents2020 अभियान के माध्यम से शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों पर के आधार पर किया गया है."
The only aim is to relax the stress on students by reducing the syllabus by 30%. This exercise has been carried out following the advice & recommendations of various experts and considering the suggestions received from educationists through our #SyllabusForStudents2020 campaign.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
वहीं, बीते दिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेंकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 2020-2021 के अकेडमिक सीजन में 9 से 12वीं तक के सिलेबस में कटौती के मामले में स्पष्टीकरण जारी किया था. सीबीएसई ने बुधवार को दावा किया कि स्कूली पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने के कदम की ‘‘अलग'' ढंग से व्याख्या की जा रही है और यह कदम कोविड-19 संबंधी हालात (Covid-19 Pandemic) के मद्देनजर केवल 2020-2021 अकेडमिक सत्र (Academic year 2020-2021) के लिए उठाया गया है.
CBSE सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा, ‘‘नौवीं से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में कटौती की अलग तरीके से व्याख्या की जा रही है. जो बातें की जा रही हैं, उसके विपरीत यह स्पष्ट किया जाता है कि 2020-21 अकेडमिक सत्र के लिए करीब 190 विषयों के पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत की कटौती केवल एक बार के लिए की गई है.''
बता दें कि सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए कक्षा नौवीं से 12वीं के लिए 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम को घटाते हुए मंगलवार को नया पाठ्यक्रम अधिसूचित किया है. जिन विषयों को हटाया गया है, उनमें लोकतंत्र और विविधता, नोटबंदी, राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता, पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंध और भारत में स्थानीय सरकारों का विकास शामिल हैं.
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