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This Article is From Jun 06, 2022

उच्च न्यायालय ने सेंट स्टीफंस के खिलाफ डीयू के चेतावनी वाले पत्र पर नहीं लगाई रोक

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के उस पत्र पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें सेंट स्टीफंस कॉलेज को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अपना प्रॉस्पेक्टस वापस लेने के लिए कहा गया था.

उच्च न्यायालय ने सेंट स्टीफंस के खिलाफ डीयू के चेतावनी वाले पत्र पर नहीं लगाई रोक
उच्च न्यायालय ने सेंट स्टीफंस के खिलाफ डीयू के चेतावनी वाले पत्र पर नहीं लगाई रोक
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के उस पत्र पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें सेंट स्टीफंस कॉलेज (St. Stephen's College) को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 (academic year 2022-23) के स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अपना प्रॉस्पेक्टस वापस लेने के लिए कहा गया था. प्रॉस्पेक्टस में कॉलेज ने अपनी अनारक्षित सीटों के लिये सीयूईटी (CUET) को 85 प्रतिशत और कॉलेज साक्षात्कार को 15 प्रतिशत अंक देने की बात कही गई है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने हालांकि कॉलेज द्वारा दायर स्थगन आवेदन और याचिका पर नोटिस जारी किया.

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पीठ ने इसे छह जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. इस याचिका पर विधि के एक छात्र द्वारा दायर ऐसी ही एक याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी. छात्र ने अपनी याचिका में कॉलेज को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर ही अपने यहां स्नातक की अनारक्षित सीटों पर छात्रों को प्रवेश दे, जैसा की विश्वविद्यालय द्वारा अनिवार्य किया गया है.

कॉलेज ने विश्वविद्यालय के उस पत्र को चुनौती दी है जिसमें उसने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए उससे अपना प्रॉस्पेक्टस वापस लेने के लिए कहा है जिसमें उसकी अनारक्षित सीटों के लिए सीयूईटी को 85 प्रतिशत अंक और कॉलेज साक्षात्कार को 15 प्रतिशत अंक देना तय किया गया है.

जब कॉलेज की तरफ से पेश वकील ने अदालत से केवल यह स्पष्ट करने का आग्रह किया कि विश्वविद्यालय कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर नहीं देगा, तब पीठ ने कहा, “हम कुछ नहीं कहने जा रहे हैं. आप अपने रुख पर कायम रह सकते हैं.”

पीठ ने कहा, “यदि आप उनके अन्य निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं तो आप इसका भी पालन नहीं करिए। आपको कौन रोक रहा है.” जब कॉलेज के वकील ने कहा, “अगर हम प्रॉस्पेक्टस वापस लेते हैं, तो मामला निष्फल हो जाएगा.” इस पर पीठ ने कहा, फिर “ऐसा मत कीजिए.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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