Gujarat Board Class 10th Result 2020: गुजरात सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड (GSEB) ने 10वीं परीक्षाओं का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस बार गुजरात बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में 60.64 फीसदी स्टूडेंट्स को सफलता मिली है. पास होने वाले स्टूडेंट्स में 56.53 फीसदी लड़के हैं. जबकि लड़कियों ने 66.02 फीसदी के साथ बाजी मार ली है. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस साल कम स्टूडेंट्स पास हुए हैं. पिछले साल के रिजल्ट की बात करें तो 66.97 फीसदी स्टूडेंट्स को परीक्षा में सफलता मिली थी, जबकि इस साल 60.64 स्टूडेंट्स ही 10वीं बोर्ड परीक्षाओं में पास हुए हैं. गुजरात बोर्ड ने आज सुबह निर्धारित समय से पहले ही 10वीं बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट जारी कर दिया. रिजल्ट बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया गया है. गुजरात बोर्ड के 10वीं क्लास के जिन स्टूडेंट्स ने अभी तक अपना रिजल्ट नहीं देखा है वे बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन कर के अपने परीक्षा परिणाम देख सकते हैं. रिजल्ट चेक करने के लिए यहां क्लिक करें.
ऐसा रहा है इस बार का रिजल्ट
इस साल 10वीं की परीक्षा में कुल 1,671 स्टूडेंट्स को A1 ग्रेड मिला है. 10वीं की परीक्षा में करीब 1,59,108 स्टूडेंट्स को C1 ग्रेड मिला है. इसी के साथ C1 ग्रेड लाने वाले स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा है. जबकि, 23,754 स्टूडेंट्स को A2 ग्रेड मिला है. वहीं, पिछले साल के मुकाबले इस बार दो गुनाह ज्यादा स्टूडेंट्स को D ग्रेड मिला है. इस साल D ग्रेड लाने वाले 14000 स्टूडेंट्स हैं.
गुजरात बोर्ड (GSEB) ने इस साल 10वीं क्लास (SSC) की परीक्षा 5 मार्च से 17 मार्च के बीच आयोजित कराई थी. पिछले साल 10वीं क्लास का रिजल्ट 21 मई को जारी किया गया था. लेकिन इस साल कोरोनावायरस के चलते रिजल्ट जारी करने में देरी हो गई है. इस बार गुजरात बोर्ड ने 10वीं क्लास का रिजल्ट (Gujarat Board 10th Result 2020) 9 जून को जारी किया है. बता दें कि गुजरात बोर्ड 10वीं क्लास से पहले ही 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का साइंस स्ट्रीम का रिजल्ट जारी कर चुका है. उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड इसी महीने 12वीं क्लास का कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम का रिजल्ट भी जारी कर देगा.
जीएसईबी (GSEB) के नियमों के मुताबिक, परीक्षा में पास होने के लिए सभी स्टूडेंट्स को सभी विषयों में कम से कम ग्रेड 'डी' लाना होता है. ऐसे स्टूडेंट्स जो किसी सब्जेक्ट में 'E1' या 'E2' ग्रेड लाने के सक्षम होते हैं, उन्हें बाद में परीक्षा देकर अपने प्रदर्शन में सुधार करना होता है. दिव्यांग उम्मीदवारों को पास होने के लिए 20 फीसदी की जरूरत होती है.
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