वित्तवर्ष 2018-19 में नीट की काउंसलिंग (NEET Counselling) के माध्यम से केंद्र सरकार को 15.50 करोड़ रुपये की आमदनी हुई. यह जानकारी सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मिली है. नीमच स्थित कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा आरटाआई के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 2018-19 में काउंसलिंग के लिए कुल 114,198 छात्रों ने खुद को पंजीकृत किया, जिनसे पंजीकरण राशि के रूप में कुल 18,32,87,500 रुपये एकत्र किए गए. इसमें से 2,76,78,614 रुपये काउंसलिंग आयोजित करने पर खर्च किए गए. एमसीसी ने शेष राशि 15,56,08,886 रुपये केंद्र सरकार के खाते में जमा किए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी गौड़ को सूचित किया कि एमसीसी ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की सलाह पर पंजीकरण शुल्क लगाने का फैसला किया है. गौड़ ने कहा कि 2018-19 में पंजीकरण शुल्क के रूप में सरकार द्वारा एकत्र की गई राशि और उस पर अर्जित ब्याज अगले कई वर्षों के लिए परामर्श प्रक्रिया का संचालन करने के लिए पर्याप्त था, और इसलिए सरकार को पंजीकरण शुल्क को समाप्त करने के बारे में सोचना चाहिए.
NEET का आयोजन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस और इस तरह के अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है. जो लोग लिखित प्रवेश परीक्षा में सफल होते हैं, उन्हें काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है, जिसके लिए मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने पंजीकरण शुल्क 2018-19 में 1,000 रुपये तय किया है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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