Final Year Exams 2020: यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की फाइनल ईयर की परीक्षाओं (Final Year Exams) को लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. लाखों छात्रों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी या फिर उन्हें कैंसिल किया जाएगा? सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. सितंबर के अंत तक देश भर के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर परीक्षा (Final Year Exams) करवाने वाले यूजीसी (UGC) के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई होने वाली है. उम्मीद की जा रही है कि आज इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट अपना कोई अहम निर्णय दे सकता है.
पिछली सुनवाई के दौरान UGC ने दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार के अंतिम वर्ष की परीक्षा रद्द करने के फैसले पर सवाल उठाए थे. UGC की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा था कि परीक्षा आयोजित की जाएंगी या नहीं, यह फैसला UGC ही कर सकता है, क्योंकि सिर्फ UGC ही डिग्री प्रदान कर सकता है. कोर्ट ने UGC से इस मसले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त यानी आज की जाएगी.
पिछली सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा था कि परीक्षायें नहीं कराना छात्रों के हित में नहीं है और अगर राज्य अपने मन से कार्यवाही करेंगे तो संभव है कि उनकी डिग्री मान्य नहीं हो.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिया था कि वे 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षायें आयोजित कर लें. सुनवाई के दौरान मेहता ने पीठ को दिल्ली और महाराष्ट्र द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षायें रद्द किये जाने के निर्णय से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि आयोग महाराष्ट्र और दिल्ली के हलफनामों पर अपना जवाब दाखिल करेगा. इसके लिये उसे समय दिया जाये. पीठ ने मेहता का अनुरोध स्वीकार करते हुये इस मामले को 14 अगस्त के लिये सूचीबद्ध कर दिया था.
वहीं, पिछली सुनवाई में मेहता ने यह भी कहा था कि वे अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि देश में 800 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में से 209 ने परीक्षा प्रक्रिया पूरी कर ली हैं. उन्होंने कहा था कि इस समय करीब 390 विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षायें आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं.
वहीं, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट (SC) में अपना जवाब दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि फ़ाइनल ईयर की परिक्षाएं (Final Year Exams) 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का मक़सद छात्रों का भविष्य संभालना है, ताकि छात्रों के अगले साल की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए. आगे कहा गया था कि टर्मिनल वर्ष के दौरान अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षाएं आयोजित कर के उनके द्वारा अध्ययन किए गए "विशेष इलेक्टिव पाठ्यक्रमों” का परीक्षण करना आवश्यक है.
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