कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के चलते देश में अधिकांश लॉ कोर्स के इंटरमीडिएट सेमेस्टर में पढ़ने वाले छात्रों के लिए परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी. 9 जून को कानूनी शिक्षा नियामक, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने एक बयान जारी करके कहा,“फाइनल ईयर के छात्रों को छोड़कर बाकी सभी सेमेस्टर के छात्रों को पिछले वर्ष के अंकों और इस साल के इंटरनल एग्जाम में प्राप्त किए गए अंकों के आधार पर पास किया जाएगा." हालांकि, बीसीआई का ये भी कहना है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के दोबारा खुलने पर एंड- सेमेस्टर एग्जाम आयोजित कराए जाएंगे.
वहीं, मौजूदा स्थिति को देखते हुए BCI ने यूनिवर्सिटी को फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए ये विकल्प दिया है कि वे स्टूडेंट्स के लिए या तो ऑनलाइन एग्जाम आयोजित कर सकते हैं या फिर स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट रिपोर्ट, रिसर्च पेपर या पिछले सेमेस्टर के प्रदर्शन के आधार पर नंबर दे सकते हैं.
BCI ने अपने बयान में कहा, "3 साल के एलएलबी (LLB) और 5 साल के एलएलबी (LLB) कोर्स के अंतिम वर्ष के छात्रों को ऑनलाइन परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है. लेकिन ऑनलाइन परीक्षा अनिवार्य नहीं है."
बयान में आगे कहा गया, "विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष के प्रत्येक पेपर के लिए छात्रों को प्रोजेक्ट रिपोर्ट या रिसचर्स पेपर लिखने की अनुमति दे सकता है या वे सेमेस्टर एग्जाम के आधार पर स्टूडेंट्स को नंबर दे सकता है."
BCI ने ये भी कहा कि ये पूरी तरह से विश्वविद्यालयों पर निर्भर करता है कि वे LLB कोर्स के अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स को किस तरह नंबर देते हैं. BCI का ये भी कहना है कि अगर विश्वविद्यालयों को परीक्षा आयोजित कराने का कोई उपयुक्त तरीका सूझता है तो वे उसे अपना सकते हैं. इंटरमीडिएट सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के लिए काउंसिल ने कहा कि अगर पहले या दूसरे ईयर के स्टूडेंट्स अपने स्कोर सुधारना चाहते हैं तो वे बाद में होने वाली परीक्षा में बैठ सकते हैं.
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