आपका सीवी आपकी पहचान से कम नहीं होता है। चाहे आप अपनी पहली नौकरी की तलाश में हो या फिर नौकरी बदलने की सोच रहे हों, इन दोनों ही जगहों पर सीवी की भूमिका सबसे अहम होती है। सीवी को लेकर हर किसी का नजरिया अलग होता है, लेकिन नौकरी लगने का पहला कदम यहीं से शुरू होता है, इसलिए यहां जानिए कि आपको फाइनल सीवी आगे भेजने से पहले इसमें क्या शामिल करना चाहिए और क्या नहीं...
जब भी आप अपना सीवी बनाना शुरू करें तो इसमें सबसे पहले अपना नाम, पता, फोन नंबर, फैक्स, ईमेल जैसी संपर्क जानकारी को शामिल करें।
सीवी बनाते वक्त उसकी लेंथ का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि एक पेज का सीवी काफी शॉर्ट माना जाता है, दो पेज के सीवी में सभी जरूरी बातें पूरी तरह से लिखने में मुश्किल होती है और तीन पेज के सीवी में डर रहता है कि कहीं अपर लिमिट पूरी न हो जाए। इसलिए अपनी जरूरत के हिसाब से आपको सीवी की लेंथ डिसाइड करनी चाहिए।
अपने सीवी को बेहतर बनाने के लिए आप दूसरों के सीवी का भी सहारा ले सकता है। साथ ही आप अपने प्रोफेसर्स, ऑफिस के साथियों या सीनियर्स की मदद भी ले सकते हैं।
इसके बाद आता है सीवी का अहम हिस्साः इसमें आपको अपनी करेंट जॉब और वर्किंग बैकग्राउंड के साथ शुरुआत करनी चाहिए। आप जिस भी कंपनी में जो भी काम कर रहे हैं उसे बुलैट फॉर्म में लिखें। साथ ही हाल ही में पूरे किए गए एसाइनमेंट्स के बारे में विस्तार से जानकारी दें, ताकि पिछले कुछ समय में आपके द्वारा किया गया काम ज्यादा बेहतरी से समझा जा सके।
सीवी में अपने जॉब रोल के बारे में विस्तार से लिखें, जैसे कि अगर किसी कंपनी के सीईओ हैं तो आपके अंडर में कितने लोगों की टीम थी और आप किस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। कहने का मतलब ये है कि सीवी में अपनी उपलब्धियों को गिनाने का एक भी मौका न छोड़ें।
ध्यान रहे ज्यादा जानकारी देने के चक्कर में मार्जिन और फोन्ट्स को छोटा न करें। पढ़ने के लिहाज से अपने सीवी को सिंपल रखें। अगर आप की बात एक पेज में पूरी नहीं आ रही है तो बेशक आप दूसरे पेज का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन एक बार अपने आप से सोचे जरूर कि क्या ये एक्स्ट्रा जानकारी वाकई काम की है भी या नहीं।
अपने सीवी में करियर और पढ़ाई की पूरी जानकारी दें, क्योंकि नियोक्ताओं को इसमें किसी भी तरह के गैप्स पसंद नहीं आते हैं।
जब आप अपना सीवी खत्म करने जा रहे हों तो उसके अंत में जरूरी एक्स्ट्रा जानकारी जैसे आपकी हॉबी-इंट्रेस्ट क्या है, आपकी डेट ऑफ बर्थ और मौजूदा एड्रेस क्या है, लिखना न भूलें।
एक बार सीवी पूरा हो जाने के बाद उसे ध्यान से पूरा पढ़ लें। कहीं कुछ छूट न रहा हो इसके लिए दो-तीन बार पढ़ लेना अच्छा रहता है। अगर नियोक्ता को आपके सीवी में स्पेलिंग मिस्टेक्स या फिर टाइपोग्राफिक एरर्स जैसी गलतियां नजर आती हैं तो आपका इंप्रेशन उसपर गलत जाता है।
जब भी आप अपना सीवी बनाना शुरू करें तो इसमें सबसे पहले अपना नाम, पता, फोन नंबर, फैक्स, ईमेल जैसी संपर्क जानकारी को शामिल करें।
सीवी बनाते वक्त उसकी लेंथ का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि एक पेज का सीवी काफी शॉर्ट माना जाता है, दो पेज के सीवी में सभी जरूरी बातें पूरी तरह से लिखने में मुश्किल होती है और तीन पेज के सीवी में डर रहता है कि कहीं अपर लिमिट पूरी न हो जाए। इसलिए अपनी जरूरत के हिसाब से आपको सीवी की लेंथ डिसाइड करनी चाहिए।
अपने सीवी को बेहतर बनाने के लिए आप दूसरों के सीवी का भी सहारा ले सकता है। साथ ही आप अपने प्रोफेसर्स, ऑफिस के साथियों या सीनियर्स की मदद भी ले सकते हैं।
इसके बाद आता है सीवी का अहम हिस्साः इसमें आपको अपनी करेंट जॉब और वर्किंग बैकग्राउंड के साथ शुरुआत करनी चाहिए। आप जिस भी कंपनी में जो भी काम कर रहे हैं उसे बुलैट फॉर्म में लिखें। साथ ही हाल ही में पूरे किए गए एसाइनमेंट्स के बारे में विस्तार से जानकारी दें, ताकि पिछले कुछ समय में आपके द्वारा किया गया काम ज्यादा बेहतरी से समझा जा सके।
सीवी में अपने जॉब रोल के बारे में विस्तार से लिखें, जैसे कि अगर किसी कंपनी के सीईओ हैं तो आपके अंडर में कितने लोगों की टीम थी और आप किस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। कहने का मतलब ये है कि सीवी में अपनी उपलब्धियों को गिनाने का एक भी मौका न छोड़ें।
ध्यान रहे ज्यादा जानकारी देने के चक्कर में मार्जिन और फोन्ट्स को छोटा न करें। पढ़ने के लिहाज से अपने सीवी को सिंपल रखें। अगर आप की बात एक पेज में पूरी नहीं आ रही है तो बेशक आप दूसरे पेज का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन एक बार अपने आप से सोचे जरूर कि क्या ये एक्स्ट्रा जानकारी वाकई काम की है भी या नहीं।
अपने सीवी में करियर और पढ़ाई की पूरी जानकारी दें, क्योंकि नियोक्ताओं को इसमें किसी भी तरह के गैप्स पसंद नहीं आते हैं।
जब आप अपना सीवी खत्म करने जा रहे हों तो उसके अंत में जरूरी एक्स्ट्रा जानकारी जैसे आपकी हॉबी-इंट्रेस्ट क्या है, आपकी डेट ऑफ बर्थ और मौजूदा एड्रेस क्या है, लिखना न भूलें।
एक बार सीवी पूरा हो जाने के बाद उसे ध्यान से पूरा पढ़ लें। कहीं कुछ छूट न रहा हो इसके लिए दो-तीन बार पढ़ लेना अच्छा रहता है। अगर नियोक्ता को आपके सीवी में स्पेलिंग मिस्टेक्स या फिर टाइपोग्राफिक एरर्स जैसी गलतियां नजर आती हैं तो आपका इंप्रेशन उसपर गलत जाता है।
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