CBSE Board Exams: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के कोविड -19 संकट के बीच 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के फैसले को रद्द करने की अपील करते हुए मंगलवार को कक्षा 12वीं के करीब 300 से अधिक छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना को एक पत्र लिखा है. छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर परीक्षाएं रोकने की मांग की है.
महामारी की गंभीर स्थिति के बीच कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए, छात्रों ने शीर्ष अदालत से केंद्र सरकार को छात्रों के लिए एक वैकल्पिक मूल्यांकन योजना प्रदान करने का निर्देश देने के लिए भी कहा है.
छात्रों द्वारा सीजीआई को भेजे पत्र में लिखा गया, "गंभीर स्वास्थ्य संकट को देखते हुए, अगर छात्रों को परीक्षा में शारीरिक रूप से शामिल होने के लिए कहा जाता है, तो यह एक विनाशकारी निर्णय होगा. छात्र ऑनलाइन परीक्षा या वैकल्पिक मूल्यांकन सहित किसी भी अन्य मोड में मूल्यांकन के लिए तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट संकट के बीच शारीरिक परीक्षा आयोजित करने के निर्णय को रद्द कर सकता है."
बोर्ड परीक्षा के बारे में 1 जून को लिया जा सकता है अंतिम फैसला
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हाल ही में कहा कि बारहवीं कक्षा की बोर्ड की लंबित परीक्षा कराने के संबंध में राज्यों के बीच व्यापक सहमति है और इस बारे में जल्द सुविचारित एवं सामूहिक निर्णय 1 जून तक लिया जाएगा.
वहीं, सूत्रों के अनुसार, CBSE ने परीक्षा 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच कराने और परिणाम सितंबर में घोषित करने का प्रस्ताव किया. बोर्ड ने दो विकल्पों का प्रस्ताव किया, जिसमें अधिसूचित केंद्रों पर 19 प्रमुख विषयों की नियमित परीक्षा लेने या छात्रों के पंजीकरण वाले स्कूलों में लघु अवधि की परीक्षा लेने की बात कही गई.
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