नयी दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के बायोलॉजी के पत्र में पूछे गए एक सवाल को लेकर एक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसमें छात्रों से इस बात को न्यायोचित ठहराने के लिए कहा गया कि वायु प्रदूषण से वातावरण को बचाने के लिए ‘‘जलाने की जगह’’ ‘‘दफनाने’’ को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
बोर्ड ने साथ ही ‘‘सवाल की व्याख्या में अस्पष्टता’’ को लेकर सवाल तैयार करने वाले विषय विशेषज्ञ पर रोक लगा दी. ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने सवाल की आलोचना करते हुए उसके साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को टैग कर उनके हस्तक्षेप की मांग की थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया.
हालांकि सवाल में विशेष रूप से यह नहीं बताया गया कि क्या यह शवों को दफनाने या उसे जलाने के संबंध में है.
सीबीएसई ने कहा, ‘‘सवाल की व्याख्या में अस्पष्टता के लिए सवाल तैयार करने वाले विषय विशेषज्ञ पर रोक लगा दी गयी. संबंधित (बोर्ड) अधिकारी को भी एक कारण बताओ नोटिस दिया गया.’’
सीबीएसई ने कहा, ‘‘दिल्ली स्कीम के बायोलॉजी के पत्र के संबंध में सवाल संख्या 23 एक मूल्य आधारित सवाल है जिसका उद्देश्य भराव क्षेत्रों, खाद बनाने के लिए तैयार किए जाने वाले गड्ढों का इस्तेमाल कर कचरे के उचित निस्तारण को रेखांकित करना है.’’ बोर्ड ने कहा, ‘‘इसलिए पर्यावरण अनुकूल व्यवहार विकसित करने और कचरे के सुरक्षित निस्तारण की दिशा में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए सवाल तैयार किया गया.’’
सवाल में छात्रों से इस बात को न्यायोचित ठहराने के लिए कहा गया कि क्यों वायु प्रदूषण से वातावरण को बचाने के लिए ‘‘जलाने की जगह’’ ‘‘दफनाने’’ को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और कहा गया, ‘‘पूरे भारत में लोग देश के बड़े हिस्सों में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर काफी चिंतित हैं. इस स्थिति से चिंतित आपके इलाके के रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसियेशन ने ‘जलाएं नहीं, दफनाएं’ नाम का एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया है.’’ इसमें आगे कहा गया, ‘‘उन्होंने बायोलॉजी का छात्र होने के कारण आपको इसमें हिस्सा लेने के लिए बुलाया. आप दफनाने को बढ़ावा देने और जलाने को हतोत्साहित करने की अपनी दलीलों को कैसे सही ठहराएंगे. दो कारण बताइये . ’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बोर्ड ने साथ ही ‘‘सवाल की व्याख्या में अस्पष्टता’’ को लेकर सवाल तैयार करने वाले विषय विशेषज्ञ पर रोक लगा दी. ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने सवाल की आलोचना करते हुए उसके साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को टैग कर उनके हस्तक्षेप की मांग की थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया.
हालांकि सवाल में विशेष रूप से यह नहीं बताया गया कि क्या यह शवों को दफनाने या उसे जलाने के संबंध में है.
सीबीएसई ने कहा, ‘‘सवाल की व्याख्या में अस्पष्टता के लिए सवाल तैयार करने वाले विषय विशेषज्ञ पर रोक लगा दी गयी. संबंधित (बोर्ड) अधिकारी को भी एक कारण बताओ नोटिस दिया गया.’’
सीबीएसई ने कहा, ‘‘दिल्ली स्कीम के बायोलॉजी के पत्र के संबंध में सवाल संख्या 23 एक मूल्य आधारित सवाल है जिसका उद्देश्य भराव क्षेत्रों, खाद बनाने के लिए तैयार किए जाने वाले गड्ढों का इस्तेमाल कर कचरे के उचित निस्तारण को रेखांकित करना है.’’ बोर्ड ने कहा, ‘‘इसलिए पर्यावरण अनुकूल व्यवहार विकसित करने और कचरे के सुरक्षित निस्तारण की दिशा में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए सवाल तैयार किया गया.’’
सवाल में छात्रों से इस बात को न्यायोचित ठहराने के लिए कहा गया कि क्यों वायु प्रदूषण से वातावरण को बचाने के लिए ‘‘जलाने की जगह’’ ‘‘दफनाने’’ को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और कहा गया, ‘‘पूरे भारत में लोग देश के बड़े हिस्सों में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर काफी चिंतित हैं. इस स्थिति से चिंतित आपके इलाके के रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसियेशन ने ‘जलाएं नहीं, दफनाएं’ नाम का एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया है.’’ इसमें आगे कहा गया, ‘‘उन्होंने बायोलॉजी का छात्र होने के कारण आपको इसमें हिस्सा लेने के लिए बुलाया. आप दफनाने को बढ़ावा देने और जलाने को हतोत्साहित करने की अपनी दलीलों को कैसे सही ठहराएंगे. दो कारण बताइये . ’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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