विज्ञापन
This Article is From Jun 30, 2020

CA परीक्षाओं के लिए ICAI का रुख नरम होना चाहिए, स्थिति स्थिर नहीं है: न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) से कहा कि कोविड-19 की वजह से 29 जुलाई से 16 अगस्त के दौरान आयोजित परीक्षाओं में शामिल होने में असमर्थ छात्रों को ‘शामिल नहीं होने का विकल्प' देने पर विचार करना चाहिए.

CA परीक्षाओं के लिए ICAI का रुख नरम होना चाहिए, स्थिति स्थिर नहीं है: न्यायालय
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) से कहा कि कोविड-19 की वजह से 29 जुलाई से 16 अगस्त के दौरान आयोजित परीक्षाओं में शामिल होने में असमर्थ छात्रों को ‘शामिल नहीं होने का विकल्प' देने पर विचार करना चाहिए क्योंकि इस समय स्थिति स्थिर नहीं है.न्यायालय ने सुझाव दिया कि अगर ‘शामिल नहीं होने का विकल्प नहीं चुनने वाला' छात्र आपात परिस्थितियों की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं  हो सके तो उसे उन छात्रों के समान ही अवसर प्रदान करना चाहिए जिन्होंने शामिल नहीं होने का विकल्प चुना था. 

न्यायालय ने कहा कि आईसीएआई (ICAI) को परीक्षायें आयोजित करने के मामले में लचीला रूख अपनाना चाहिए. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीए (CA) की परीक्षाओं के मई चक्र के अभ्यर्थियों के साथ कथित भेदभाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया. पीठ ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर आईसीएआई को परीक्षा केन्द्र में बदलाव का विकल्प प्रस्तावित परीक्षा के कार्यक्रम से पहले अंतिम सप्ताह तक उपलब्ध कराना चाहिए. 

पीठ ने कहा कि अगर किसी छात्र ने शामिल नहीं होने का विकल्प नहीं चुना है और अचानक ही उसका परीक्षा केन्द्र कंटेनमेन्ट क्षेत्र में आ गया तो आप क्या करेंगे? आपको ऐसे मामलों को छात्रों को शामिल नहीं होने का विकल्प चुनने वाले छात्र के रूप में लेना चाहिए. आईसीएआई के वकील ने पीठ से कहा कि वह इन अभ्यर्थियों द्वारा उठाये गये मुदों के संदर्भ में अधिसूचना का मसौदा न्यायालय में पेश करेगा. इस पर पीठ ने मामले को दो जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. साथ ही आईसीएआई से कहा कि उसे सीबीएसई जैसे विभिन्न बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं के बारे में गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखना चाहिए. 

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अलोक श्रीवास्तव ने कहा कि प्रत्येक जिले में एक परीक्षा केन्द्र होना चाहिए. पीठ ने अधिवक्ता से कहा कि आईसीएआई ने ऐसा करने में असमर्थता व्यक्ता की है. आईसीएआई के वकील ने कहा कि इस परीक्षा के लिये देश में 500 से ज्यादा परीक्षा केन्द्रों की पहचान की है और उन्हें सही तरीके से सैनिटाइज किया गया है. संस्थान के वकील ने पीठ से कहा कि 3,46,000 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से सिर्फ 53,000 ने ही शामिल नहीं होने का विकल्प चुना है. 

सीए की परीक्षाओं को लेकर ‘इंडिया वाइड पैरेन्ट्स एसोसिएशन' ने याचिका दायर कर रखी है. याचिकाकर्ता एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. इस मामले में आरोप लगाया गया है कि आईसीएआई ने मनमाने तरीके से 15 जून को एक महत्वपूर्ण घोषणा करके मई चक्र की सीए की परीक्षा में ‘शामिल नहीं होने' का विकल्प प्रदान करके अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव किया है. याचिका में कहा गया है कि आईसीएआई का कहना है कि मई चक्र की परीक्षा के लिये ऑनलाइन परीक्षा आवेदन करने वाले छात्रों को ‘शामिल नहीं होने' और नवबंर 2020 चक्र की परीक्षा के लिये इसे आगे ले जाने की अनुमति होगी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com