चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं (Toughest Professional Exams) में से एक माना जाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवार सालों से तैयारी करते हैं. इस परीक्षा को पास करना इसलिए भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि सीए की सिलेबस काफी बड़ होता है और कम पासिंग पर्सेंटेज के कारण भी ये मुश्किल लगता है. हालांकि इसके और भी कई कारण होते हैं, चलिए जानते हैं.
CA परीक्षा क्यों इतनी मुश्किल होती है?
व्यापक और गतिशील पाठ्यक्रम (Vast & Dynamic Syllabus)
CA के सिलेबस में उकाउंटिंग (Accounting), ऑडिटिंग, कॉर्पोरेट कानून (Corporate Law), डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्सेसन (Direct & Indirect Taxation), कॉस्टिंग, और फाइनेंशियल मैनेजमेंट जैसे कई विषय शामिल हैं. हर विषय में एक्सपर्ट की जरूर होती है.
भारत के आर्थिक कानून (जैसे GST, कंपनी अधिनियम) और लेखांकन मानक (Accounting Standards) लगातार बदलते रहते हैं. छात्रों को इन नवीनतम गतिशील (Dynamic) परिवर्तनों के साथ खुद को अपडेट रखना पड़ता है, जो बड़ी चुनौती है.
कठोर पासिंग मानदंड (Strict Passing Criteria)
ICAI ने CA परीक्षा पास होने के काफी मुश्किल नियम बनाए हैं. प्रत्येक विषय में कम से कम 40 प्रतिशत नंबर लाना अनिवार्य है. पूरे ग्रुप (4 पेपर) का कुल 50 प्रतिशत होना चाहिए. अगर किसी छात्र को एक विषय में 40 प्रतिशत से कम नंबर मिलते हैं, तो उसे पूरे ग्रुप की परीक्षा फिर से देनी पड़ सकती है. यह नियम छात्रों पर एक्सट्रा दबाव डालता है.
आर्टिकलशिप के साथ पढ़ाई का प्रबंधन (Managing Articleship)
CA बनने के लिए 3 साल की अनिवार्य आर्टिकलशिप (Practical Training) पूरी करनी होती है. छात्रों को अक्सर दिन में 8 घंटे ऑफिस में काम करने के साथ-साथ CA फाइनल की पढ़ाई भी करनी होती है. काम और पढ़ाई के बीच बैलेंस करना सबसे बड़ा चैलेंज होता है, जिससे छात्रों को लगातार कई सालों तक अधिक मेहनत करनी पड़ती है.
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