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This Article is From Jun 08, 2017

CISCE के स्‍कूलों में 8वीं और 10वीं कक्षा में होंगी बोर्ड परीक्षाएं

भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद ने 8वीं और 10वी कक्षा में बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि परिषद ने छात्रों के 10वीं कक्षा के रिजल्‍ट में सुधार करने के लिए यह फैसला किया है.

CISCE के स्‍कूलों में 8वीं और 10वीं कक्षा में होंगी बोर्ड परीक्षाएं
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
संस्कृत, योग और कला अनिवार्य विषय
10वीं के रिजल्‍ट में सुधार के लिए हुआ फैसला
स्कूल खुद मूल्यांकन परीक्षा आयोजित करेंगे
भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद यानी आईसीएसई ने शिक्षा के स्‍तर में सुधार लाने की नई पहल की है. जिसके तहत परिषद ने एक नया निर्णय लेते हुए 8वीं और 10वी कक्षा में बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि परिषद ने छात्रों के 10वीं कक्षा के रिजल्‍ट में सुधार करने के लिए यह फैसला किया है.

हालांकि भारतीय स्कूल प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद के मुख्य कार्यकारी और सचिव गेरी अराथून ने इससे पहले कहा था कि यह 10वीं या 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के मूल्यांकन जैसा नहीं होगा, जिसमें बच्चे पढ़ाई करते हैं और परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. यह अलग तरह का होगा. इस मूल्यांकन के लिए छात्रों को कोई तैयारी करने की जरूरत नहीं होगी. इसमें छात्रों को अपने ज्ञान को प्रदर्शित करने की जरूरत नहीं होगी और रचनात्मक रूप से सोचने का कौशल विकसित करना होगा.

अराथून ने यह भी घोषणा की है कि बोर्ड ने तीन विषयों - संस्कृत, योग और कला को अनिवार्य करने का भी निर्णय लिया है.

उन्होंने कहा, ‘हम 2018 में मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने का विचार रखते हैं और यह लिखित रूप में होगा.’ परिषद की योजना चार विषयों अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, रसायन और जीव विज्ञान में मूल्यांकन करने का है. इस मूल्यांकन का एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने से कोई लेना देना नहीं है. स्कूल खुद मूल्यांकन और कक्षाओं की परीक्षा आयोजित करेंगे.

न्‍यूज एजेंसी भाषा से इनपुट

 

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