Board Exam 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्डों, सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा कक्षा 10वीं, 12वीं की ऑफलाइन परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका से भ्रम पैदा होता है.ऐसी याचिकाएं छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं और कंफ्यूजन पैदा करती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये प्री मेच्योर याचिका है, ऐसी याचिकाओं से बच्चे गुमराह होंगे. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा कि अधिकारी पहले से ही तारीखों और अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं. यदि उन्हें अंतिम रूप देने के बाद कोई समस्या है तो पीड़ित पक्ष अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि ये गैरजिम्मेदाराना ढंग से जनहित याचिका का दुरुपयोग है.
दस बातें
- बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा सहाय श्रीवास्तव ने सोमवार को अर्जी दाखिल कर ऑफलाइन परीक्षा के बजाए वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से कराने की मांग की.
- 15 से अधिक राज्यों के कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों ने ऑफलाइन परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की
- याचिका में ऑफलाइन परीक्षा को आयोजित करने के बजाय कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा 2022 में मूल्यांकन का तरीका अपनाए जाने की मांग की गई है
- इस याचिका में सभी राज्य बोर्ड, सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई (ICSE) की कक्षा 10वीं और 12वीं की शारीरिक तौर पर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी.
- याचिका में सभी बोर्डों को समय पर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण सुधार परीक्षा के विकल्प देने की भी मांग की गई थी.
- याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण शारीरिक तौर पर कक्षाएं नहीं हुई हैं ऐसे में बोर्ड की परीक्षाओं को ऑनलाइन कराया जाए.
- जो लोग आंतरिक मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं हैं, उनके लिए एक सुधार परीक्षा आयोजित करें
- कंपार्टमेंट छात्रों सहित छात्रों के मूल्यांकन के फार्मूले को तय करने के लिए एक समिति गठित की जाए
- एक समय सीमा और समय सीमा के भीतर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश दें
- साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालयों में दाखिले की तिथि घोषित करने के लिए एक समिति का गठन करने के लिए UGC को आदेश जारी करें