Bihar Board Matric Result 2017: आधे स्टूडेंट्स फेल, आधे पास
Bihar Board BSEB Class 10 Matric Result 2017: बिहार बोर्ड मैट्रिक के छात्रों का इंतजार खत्म हुआ. बिहार स्कूल एग्जामिनेशंस बोर्ड (बीएसईबी) ने गुरुवार को 10वीं कक्षा के नतीजे जारी कर दिए. इस बार ग्रेस मार्क्स मिलने के बावजूद 50.32 प्रतिशत स्टूडेंस पास हुए हैं. यानी आधे स्टूडेंट्स (49 प्रतिशत) फेल हो गए हैं. 10वीं में 51.37 प्रतिशत छात्र और लगभग 40 फीसदी छात्राएं पास हुई. पिछले साल का रिजल्ट इससे भी खराब रहा था. 2016 में महज 44.66 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए थे.
लखीसराय के गोविंद हाई स्कूल के छात्र प्रेम कुमार इस बार टॉपर बने हैं. सिमुलतला की भव्या कुमारी ने दूसरा स्थान पाया है. सिमुलतला की हंर्षिता ने तीसरा स्थान हासिल किया है.
टॉपर्स की एक्सपर्ट्स द्वारा पहले कराई गई जांच
पिछले साल की तरह बोर्ड की किरकिरी न हो और रिजल्ट बिना किसी हेराफेरी व पूरी पारदर्शिता के साथ जारी हो, इसके लिए कई कदम उठाए गए थे. पिछले साल टॉपर घोटाला सामने आने के बाद जमकर बवाल मचा था. कई बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारियां हुई थीं. इतना ही नहीं हाल ही में 30 मई को जारी किए गए 12वीं के रिजल्ट में भी टॉपर्स की काबिलियत पर सवाल उठे. ऐसे में बोर्ड ने इस बार फूंक-फूंक कर कदम रखा. इस बार 10वीं के टॉपर्स का रिजल्ट जारी किए जाने से ही पहले ही फिजिकल वैरिफिकेशन किया गया. इस वजह से रिजल्ट जारी करने में देरी भी हुई. टॉपर्स की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच एक्सपर्ट्स द्वारा करवाई गई. एक्सपर्ट्स की टीमों ने टॉपर विद्यार्थियों से प्रश्न भी पूछे.
12वीं का रिजल्ट भी खराब
इस वर्ष बिहार में 12वीं कक्षा के परिणाम निराशाजनक रहे हैं. इस साल साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम में परीक्षा में शामिल हुए कुल 12,40,168 विद्यार्थियों में से केवल 35 प्रतिशत ही पास हुए, यानि 4,37,115 छात्र उत्तीर्ण हुए और बाकी फेल हो गए... 4,37,115 में से केवल 8.34 प्रतिशत यानि 1,03,460 छात्र फर्स्ट डिवीज़न में उत्तीर्ण हुए, जबकि 2,93,260 यानि 23.65 प्रतिशत छात्र सेकेंड डिवीज़न, जबकि 40,395 छात्र थर्ड डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए.
विज्ञान संकाय में इस वर्ष जहां 30 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफल हो सके, जबकि पिछले साल 66 फीसदी छात्र पास हुए थे. कला संकाय में 37 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफलता पा सके, जबकि पिछले वर्ष छात्रों का पास प्रतिशत 57 फीसदी था. हालांकि वाणिज्य संकाय में 73.76 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे. पिछले वर्ष 80 फीसदी छात्र पास हुए थे.
साइंस स्ट्रीम में परीक्षा में बैठे 6,46,231 छात्रों में से 57,706 यानि 8.93 फीसदी छात्र फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और रिकॉर्ड 20 प्रतिशत यानि 1,30,800 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए. जबकि 4,49,280 स्टूडेंट्स, लगभग 70 प्रतिशत छात्र पास होने में विफल रहे.
आर्ट्स में 61 प्रतिशत छात्र यानि कुल 3,30,338 फेल हो गए, जबकि 35,975 यानि 6.74 प्रतिशत फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और 25 फीसदी यानि 1,33,773 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए.
कॉमर्स में 25 फीसदी छात्र फेल हो गए.
लखीसराय के गोविंद हाई स्कूल के छात्र प्रेम कुमार इस बार टॉपर बने हैं. सिमुलतला की भव्या कुमारी ने दूसरा स्थान पाया है. सिमुलतला की हंर्षिता ने तीसरा स्थान हासिल किया है.
टॉपर्स की एक्सपर्ट्स द्वारा पहले कराई गई जांच
पिछले साल की तरह बोर्ड की किरकिरी न हो और रिजल्ट बिना किसी हेराफेरी व पूरी पारदर्शिता के साथ जारी हो, इसके लिए कई कदम उठाए गए थे. पिछले साल टॉपर घोटाला सामने आने के बाद जमकर बवाल मचा था. कई बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारियां हुई थीं. इतना ही नहीं हाल ही में 30 मई को जारी किए गए 12वीं के रिजल्ट में भी टॉपर्स की काबिलियत पर सवाल उठे. ऐसे में बोर्ड ने इस बार फूंक-फूंक कर कदम रखा. इस बार 10वीं के टॉपर्स का रिजल्ट जारी किए जाने से ही पहले ही फिजिकल वैरिफिकेशन किया गया. इस वजह से रिजल्ट जारी करने में देरी भी हुई. टॉपर्स की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच एक्सपर्ट्स द्वारा करवाई गई. एक्सपर्ट्स की टीमों ने टॉपर विद्यार्थियों से प्रश्न भी पूछे.
Bihar Board Matric Result 2017: आधे स्टूडेंट्स फेल, आधे पास
12वीं का रिजल्ट भी खराब
इस वर्ष बिहार में 12वीं कक्षा के परिणाम निराशाजनक रहे हैं. इस साल साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम में परीक्षा में शामिल हुए कुल 12,40,168 विद्यार्थियों में से केवल 35 प्रतिशत ही पास हुए, यानि 4,37,115 छात्र उत्तीर्ण हुए और बाकी फेल हो गए... 4,37,115 में से केवल 8.34 प्रतिशत यानि 1,03,460 छात्र फर्स्ट डिवीज़न में उत्तीर्ण हुए, जबकि 2,93,260 यानि 23.65 प्रतिशत छात्र सेकेंड डिवीज़न, जबकि 40,395 छात्र थर्ड डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए.
विज्ञान संकाय में इस वर्ष जहां 30 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफल हो सके, जबकि पिछले साल 66 फीसदी छात्र पास हुए थे. कला संकाय में 37 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफलता पा सके, जबकि पिछले वर्ष छात्रों का पास प्रतिशत 57 फीसदी था. हालांकि वाणिज्य संकाय में 73.76 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे. पिछले वर्ष 80 फीसदी छात्र पास हुए थे.
साइंस स्ट्रीम में परीक्षा में बैठे 6,46,231 छात्रों में से 57,706 यानि 8.93 फीसदी छात्र फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और रिकॉर्ड 20 प्रतिशत यानि 1,30,800 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए. जबकि 4,49,280 स्टूडेंट्स, लगभग 70 प्रतिशत छात्र पास होने में विफल रहे.
आर्ट्स में 61 प्रतिशत छात्र यानि कुल 3,30,338 फेल हो गए, जबकि 35,975 यानि 6.74 प्रतिशत फर्स्ट डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए और 25 फीसदी यानि 1,33,773 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए.
कॉमर्स में 25 फीसदी छात्र फेल हो गए.
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