नई दिल्ली:
अंबेडकर यूनिवर्सिटी इस बार अंडग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए कटऑफ लिस्ट की बजाय मेरिट लिस्ट निकालेगी। दरअसल इस बार आवेदनों में संख्या में 173.85 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हुई है। इसके मद्दनेजर ही यूनिवर्सिटी ने यह कदम उठाने का मन बनाया है।
इस साल यूनिवर्सिटी ने अपने नए कर्मपुरा स्थित कैंपस में 200 सीटें एड भी की हैं।
यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाने के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 24 जून, 2016 थी और इस दिन तक यूनिवर्सिटी को 26,777 एप्लीकेशंस प्राप्त हुईं हैं। वहीं पिछले साल अंबेडकर यूनिवर्सिटी में सिर्फ 9,778 छात्रों ने एडमिशन के लिए अप्लाई किया था।
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245 सीटों वाले अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कश्मीरी गेट कैंपस को 15,823 एप्लीकेशंस प्राप्त हुईं हैं, जबकि इसी साल से खुलने वाले 200 सीटों वाले कर्मपुरा कैंपस को 10,954 एप्लीकेशंस प्राप्त हुईं हैं। वहीं 480 सीटों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस के लिए AUD को 7,885 एप्लीकेशंस प्राप्त हुईं। ये आंकडे भी पिछले साल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस के लिए मिलने वाले 5,687 एप्लीकेशंस के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने कहा है कि एप्लीकेशन्स की तादाद में भारी उछाल आने के कारण वह मेरिट लिस्ट निकालने पर विचार कर रही है। एडमिशन के लिए मेरिट लिस्ट एक बेहतर विकल्प है।
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डीन ऑफ स्टूडेंट सर्विसेज़ संजय शर्मा ने कहा, 'कट-ऑफ के केस में आपको हर उस उम्मीदवार को दाखिला देना होगा जिसके मार्क्स उस कट-ऑफ में आ जाते हैं। लेकिन मेरिट लिस्ट में ऐसा नहीं है। ये कट-ऑफ से अलग है। इस लिस्ट में कोर्स में जितनी सीटें हैं, उससे 20 फीसदी अधिक स्टूडेंट्स के नाम होंगे। अगर किसी कोर्स में 50 सीटें हैं तो हम इससे कुछ ज्यादा विद्यार्थियों के नामों की मेरिट लिस्ट निकालेंगे ताकि अगर कुछ छात्र अपना नाम वापस ले लेते हैं तो वेटिंग लिस्ट के छात्रों को एडमिशन मिल सके।
इस साल यूनिवर्सिटी ने अपने नए कर्मपुरा स्थित कैंपस में 200 सीटें एड भी की हैं।
यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाने के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 24 जून, 2016 थी और इस दिन तक यूनिवर्सिटी को 26,777 एप्लीकेशंस प्राप्त हुईं हैं। वहीं पिछले साल अंबेडकर यूनिवर्सिटी में सिर्फ 9,778 छात्रों ने एडमिशन के लिए अप्लाई किया था।
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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने कहा है कि एप्लीकेशन्स की तादाद में भारी उछाल आने के कारण वह मेरिट लिस्ट निकालने पर विचार कर रही है। एडमिशन के लिए मेरिट लिस्ट एक बेहतर विकल्प है।
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डीन ऑफ स्टूडेंट सर्विसेज़ संजय शर्मा ने कहा, 'कट-ऑफ के केस में आपको हर उस उम्मीदवार को दाखिला देना होगा जिसके मार्क्स उस कट-ऑफ में आ जाते हैं। लेकिन मेरिट लिस्ट में ऐसा नहीं है। ये कट-ऑफ से अलग है। इस लिस्ट में कोर्स में जितनी सीटें हैं, उससे 20 फीसदी अधिक स्टूडेंट्स के नाम होंगे। अगर किसी कोर्स में 50 सीटें हैं तो हम इससे कुछ ज्यादा विद्यार्थियों के नामों की मेरिट लिस्ट निकालेंगे ताकि अगर कुछ छात्र अपना नाम वापस ले लेते हैं तो वेटिंग लिस्ट के छात्रों को एडमिशन मिल सके।
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